सिरमौर में गेहूं खरीद शुरू,पांवटा साहिब एवं धौलाकुआं में गेहूं खरीद केंद्र स्थापित

जिला सिरमौर में गेहूं खरीद का शुभारंभ हो गया है। जिला में इस बार दो गेहूं खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं। जिनमें पांवटा साहिब और धौलाकुआं शामिल है। यहां केंद्रों पर कुल 10000 क्विंटल गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा गया

Apr 12, 2025 - 15:57
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सिरमौर में गेहूं खरीद शुरू,पांवटा साहिब एवं धौलाकुआं में गेहूं खरीद केंद्र स्थापित

किसानोंं से 150 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं के दाम बढ़ोतरी के साथ खरीद शुरू 

यंगवार्ता  पांवटा साहिब    12-04-2025

जिला सिरमौर में गेहूं खरीद का शुभारंभ हो गया है। जिला में इस बार दो गेहूं खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं। जिनमें पांवटा साहिब और धौलाकुआं शामिल है। यहां केंद्रों पर कुल 10000 क्विंटल गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा गया है। पूर्व विधायक चौधरी किरनेश जंग व मंडी समिति के अध्यक्ष सीताराम शर्मा नेे विधिवत गेहूं खरीद केंद्र का शुभारंभ किया है। 

इस बार किसानोंं से 150 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं के दाम बढ़ोतरी के साथ खरीद शुरू हुई है। सिरमौर मंडी समिति पांवटा परिसर में मीडिया से बात करते हुए पूर्व विधायक चौधरी किरनेश जंग ने कहा कि  वह खुद किसान है । किसानों का दर्द व समस्याओं को समझता है। पांवटा के मेहनतकश किसानों की मांगें और समस्याएं प्रदेश सरकार के समक्ष उठाई जाएगी।   

हिमाचल प्रदेश में इस बार किसानों को गेहूं के 150 रुपये अधिक दाम प्रदान किए जा रहे हैं। किसानों की 10 रुपये प्रति क्विंटल मजदूरी की समस्या का भी मौके पर समाधान कर दिया गया है। 

भारतीय किसान यूनियन प्रदेश अध्यक्ष तरसेम सिंह सग्गी ने कहा कि पहले प्रदेश में पांच रुपये प्रति क्विंटल सफाई शुल्क-झरना लिया जाता रहा है। इस बार सीधे दस रुपये करने से किसानों में रोष रहा है। उन्होंने कहा कि साथ लगते राज्य हरियाणा में ₹5 शुल्क लिया जाता है लेकिन हिमाचल प्रदेश में इसे दोगुना करना सही नहीं है। 

इसके अलावा उन्होंने टेंडर प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। कृषि उपज मंडी समिति के अनुसार जिले के किसानों से फसल खरीद प्रक्रिया में दोनों खरीद केंद्रों में 21 झरने, 24 भार तोल कांटे, 140 तिरपाल, 1635 लकड़ी बेस, सैंपल किट, मास्चर मीटर, पेयजल व शौचालय सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। 

हिमाचल प्रदेश सिविल सप्लाई विभाग के माध्यम से पांवटा साहिब व धौलाकुआं केंद्रों में गेहूं खरीद होती है। दाम तय करना, मजदूरी अन्य सभी विषयों पर संबंधित विभाग किसानों के प्रति जवाबदेह रहता है।

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