मंडी जिला प्रशासन ने सराज के बाली चौकी क्षेत्र में राहत व बहाली कार्यों को दी गति

जिला प्रशासन मंडी लगातार राहत एवं पुनर्वास कार्यों में जुटा हुआ है ताकि सराज विधानसभा क्षेत्र के आपदा प्रभावित बालीचौकी क्षेत्र के लोगों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हो  और जरुरी सेवाओं की शीघ्र बहाली सुनिश्चित हो। अगस्त के अंतिम सप्ताह से सितम्बर के प्रथम सप्ताह तक हुई भारी वर्षा, भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से इस क्षेत्र में सड़कें, पेयजल योजनाएं, विद्युत लाइनों और संचार सेवाओं को व्यापक क्षति पहुंची थी

Sep 9, 2025 - 19:47
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मंडी जिला प्रशासन ने सराज के बाली चौकी क्षेत्र में राहत व बहाली कार्यों को दी गति

यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी  09-09-2025
जिला प्रशासन मंडी लगातार राहत एवं पुनर्वास कार्यों में जुटा हुआ है ताकि सराज विधानसभा क्षेत्र के आपदा प्रभावित बालीचौकी क्षेत्र के लोगों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हो  और जरुरी सेवाओं की शीघ्र बहाली सुनिश्चित हो। अगस्त के अंतिम सप्ताह से सितम्बर के प्रथम सप्ताह तक हुई भारी वर्षा, भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से इस क्षेत्र में सड़कें, पेयजल योजनाएं, विद्युत लाइनों और संचार सेवाओं को व्यापक क्षति पहुंची थी। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि प्रशासन ने समय रहते कई कदम उठाए हैं, जिनसे प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य निरंतर जारी हैं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत जून, जुलाई और अगस्त का अग्रिम राशन पहले ही दूरदराज पंचायतों को उपलब्ध करवा दिया गया था। 
इसके अलावा अगस्त के अंतिम सप्ताह में सुदरानी, खुहन, खनि, देवधार, मणी, पंजाई, बालीचौकी, थाची, बसूट, काउ, थाचाधार और जुफ़रकोट सहित अन्य पंचायतों तक आवश्यक खाद्यान्न पहुंचाया गया। 3 सितम्बर से मुख्य सड़कें बाधित होने पर राशन आपूर्ति खच्चरों, पोर्टरों  की मदद से और  वैकल्पिक  मार्गों से शुरू की गई, जिसके माध्यम से खौली, थाचाधार, जुफ़रकोट, घाट, थाची, खलवाहन, मणी-बसुंगी, मुराह और काउ तक राशन पहुँचाया गया। उन्होंने बताया कि आपदा में संचार सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हुईं। 2 सितम्बर के बाद बंजार, बालीचौकी, पंजाई, थाची, जवालापुर और आसपास के क्षेत्रों में  मोबाइल नेटवर्क बंद हो गया था। भारी वर्षा, भूस्खलन और  टावर व फाइबर लाइनों को नुकसान पहुंचा। प्रशासन और कंपनियों के प्रयासों से 5 सितम्बर तक औट व थलौट क्षेत्र में आंशिक बहाली हुई, 7 सितम्बर तक ज्वालापुर, थाची, पंजाई आदि में सेवा बहाल कर दी गई और 8 सितम्बर तक गाड़ागुशैणी  में भी नेटवर्क चालू कर दिया गया। 
दूरस्थ टावर स्थलों तक पैदल डीजल और उपकरण पहुंचाकर संचार सेवाएं बहाल की गईं। उन्होंने बताया कि जल शक्ति उपमंडल बालीचौकी में 1 से 5 सितम्बर तक भारी नुकसान दर्ज किया गया। कुल 95 पेयजल योजनाओं में से 45 योजनाएं क्षतिग्रस्त हुईं, जिनमें 16 लिफ्ट व 29 ग्रेविटी स्कीमें शामिल हैं। 8 सितम्बर तक सभी ग्रेविटी स्कीमों को आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया है, जिससे 28 पंचायतों में जलापूर्ति शुरू हो गई है। लिफ्ट स्कीमें बिजली आपूर्ति बाधित रहने के कारण प्रभावित हैं, जिन्हें बहाल करने का कार्य जारी है। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग ने युद्ध स्तर पर बहाली कार्य शुरू किया है। थलौट–पंजाई, पंजाई–शेटधार, थलौट–मुराह, खोड़ाथाच–जोगिनिगल्लू, टिक्की–शेट्टधार, थाची–बीजर, थाची–दवोर और थलौट–चलौट सहित कई सड़कों को 8 सितम्बर तक बहाल कर दिया गया। 
बालीचौकी–पंजाई, नौणा–सुदरानी और बसान–सोमगढ़ सड़कों सहित कुछ मार्गों पर कार्य जारी है और इन्हें आगामी दिनों में खोलने की उम्मीद है। इसी प्रकार थलौट उपमंडल में भी दर्जनों संपर्क सड़कों पर जेसीबी और मशीनरी लगाकर बहाली कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विद्युत बहाली में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। थलौट उपकेंद्र को पंडोह लाइन व बजौरा–थलौट लाइन से बिजली आपूर्ति होती है, जिन्हें 5 से 7 सितम्बर के बीच बहाल कर दिया गया है। 7 सितंबर को बाली चौकी बाजार , थाची व ज्वालापुर में तथा 8 सितम्बर को सुदरानी व आसपास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति पुनः शुरू कर दी गई। पंजाई क्षेत्र में 42 वितरण ट्रांसफार्मर को आज बहाल किया जा रहा है, जबकि शेष 40 ट्रांसफॉर्मर बाहु उपकेंद्र के पूर्णत: बहाल होने पर चालू होंगे।

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