यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 29-07-2025
जिला मंडी में लगातार हो रही बादल फटने की घटनाओं ने 1500 करोड़ से अधिक का नुकसान एक माह के अंदर ही कर दिया है। 50 लोग एक माह के भीतर ही आपदा का शिकार हो चुके हैं जिससे मंडी बेहद सदमे में है। लोगों को बारिश शुरू होते ही अब सब काम छोड़ अपना जीवन बचाने के लिए भागना पड़ रहा है। हम सराज की आपदा से अभी उबरे ही नहीं हैं तो आज मंडी शहर के अंदर ही इतनी भयंकर बारिश रात को हुई कि जान बचाना मुश्किल हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी के जेल रोड में हुई बादल फटने की घटना के बाद यहां दौरा कर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मंडी शहर के जेल रोड में बादल फटने की घटना से अभी तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है जबकि एक व्यक्ति की टांगें टूट गई हैं।
करीब 50 से अधिक गाड़ियों के मलबे में दबे होने की आशंका है। मैं यहीं सामने रात को दिल्ली से आने के बाद विश्राम गृह में रुका था तो सुबह 5 बजे जब देखा कि सामने भारी तबाही हो रही है तो मंजर देख हैरान रह गया। जहां कोई नई कंस्ट्रक्शन भी नहीं हुई है उस नाले में इतना पानी और मलबा आया कि लोगों को जान बचाना मुश्किल हो गया। मैंने मौके पर पहुंच कर हालात का जायजा लिया और हालात चिंताजनक पाए। जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर राहत कार्यों को लेकर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार केवल घोषणाएं करने में व्यस्त है, लेकिन धरातल पर कोई ठोस कार्य नहीं दिख रहा है। आपदाओं से प्रभावित लोगों को अब तक राहत राशि नहीं मिल पाई है। पिछले तीन वर्षों से प्रदेश में लगातार बारिश और प्राकृतिक आपदाएं भारी तबाही मचा रही हैं। कई लोगों ने अपने घर, जमीन और रोजगार गंवाए हैं, लेकिन सरकार इस दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 के बाद केंद्र सरकार ने प्रदेश को आपदा राहत के लिए 5 हजार करोड़ रुपए से अधिक की सहायता प्रदान की है।
इसके बावजूद प्रभावित परिवारों को राहत नहीं मिल पाई है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। जयराम ठाकुर ने सरकार से आग्रह किया है कि वह सिर्फ भाषणों और घोषणाओं तक सीमित न रहे, बल्कि पीड़ितों तक राहत पहुंचाने के लिए ठोस और पारदर्शी कार्य योजना लागू करे। उन्होंने कहा कि सराज विधानसभा सभा क्षेत्र में आपदा प्रभावित लोगों को अभी 2 हजार और 5 हजार रुपए की नकदी फौरी राहत के तौर पर थमाई गई है। लोग अभी भी राहत का इंतजार कर रहे हैं। जिला प्रशासन राहत कार्यों में अपने संसाधनों से बेहतर काम करने में जुटा है लेकिन इन्हें भी बजट जारी न कर लाचार कर दिया है। मामूली राहत बांटने के लिए भी मुख्यमंत्री और मंत्री के दौरे का इंतजार किया जा रहा है जबकि मुख्यमंत्री बिना हेलीकॉप्टर कहीं जाते नहीं हैं। ये सामान्य स्थिति नहीं है। आपदा में तत्परता से काम करने और संवेदनशील होकर जनता का दुःख दर्द सुनने का काम होना चाहिए , लेकिन यहां तो मंत्रियों के ये हाल हैं जिनके पास राजस्व विभाग है और आपदा प्रबंधन का जिम्मा है वो 27 दिन बाद सराज पहुंचे और फिर लोगों की भावनाओं से खेल रहे हैं। ये कतई स्वीकार्य नहीं है। सरकार राजनीति छोड़ आपदा प्रबंधन पर फोकस करें। मैं अपना काम कर रहा हूँ। मैं केंद्रीय नेतृत्व से जो मदद चाहिये उसके लिए दिल्ली जाकर आया हूँ। प्रधानमंत्री जी ने समय देकर हमारी पूरी बात सुनी है और भरपूर मदद का भरोसा दिया है। ये समय अब एक दूसरे के खिलाफ भड़ास निकालने और पुरानी बातें कुरेदने का नहीं है। मेहरबानी करके लोगों का जीवन बचाएं और जो लोग संकट में हैं उनके मददगार बनें। इस दौरान उन्होंने उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन को निर्देश दिये और सभी प्रभावित परिवारों की मदद करने को कहा।
उन्होंने विधायक अनिल शर्मा, जिलाध्यक्ष भाजपा निहाल चंद, मेयर वीरेंद्र भट्ट और स्थानीय पार्षद हरदीप राजा के साथ पूर्व पार्षद कृष्णा देवी के घर जाकर उन्हें सांत्वना दी और उनका कुशलक्षेम जाना। इस परिवार के तीन सदस्यों की यहां मलबे में डूबने और पानी में बहने से मौत हुई जबकि इनका बेटे की टांग टूट गई है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के सराज के थुनाग दौरे के दौरान उन्हें काले झंडे दिखाने के मामले में उन्होंने मीडिया के सवाल पर कहा कि मैं दिल्ली दौरे पर था। विवाद में रिकांगपिओ में एक कांग्रेस नेता द्वारा अब सरेआम आपत्तिजनक बयान देकर आग में घी डालने का काम किया है। ऐसे लोग जिनकी मानसिकता दूषित है, उनके बयानों को कोई महत्व नहीं देना चाहिए। इस प्रकार की भाषा का प्रयोग करना उनकी विकृत सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भगवान ऐसे लोगों को सद्बुद्धि दे। वहीं जयराम ठाकुर ने थुनाग में राजस्व मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर प्रदेश सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि सराज के थुनाग में प्रदर्शन के दौरान महिलाओं के साथ पुलिस ने दुर्व्यवहार किया, जिसका वीडियो भी मौजूद है। इसके बावजूद 62 लोगों पर एफआईआर दर्ज कर नई-नई धाराएं जोड़ी जा रही हैं। उन्होंने सरकार को याद दिलाते हुए कहा कि जब मुख्यमंत्री होते हुए पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल रिकांगपिओ गए थे तो उनका काफिला भी रोका गया और गाड़ी के आगे काले झंडे दिखाए गए। ऐसी ही घटना पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर के साथ 15 अगस्त को भी पेश आई थी। राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान का सर्वोच्च दिन पर भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा उन्हें काले झंडे दिखाए गए। ऐसी ही घटना मंत्री रही सरवीन चौधरी के साथ सरकारी बैठक में सामने आई है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के लोगों ने काजा में मेरी गाड़ी को तोड़ने और पलटने तक की कोशिश की।
वो किसके इशारे पर हुआ सब जानते हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से सवाल किया है कि क्या इन मामलों में एफआईआर दर्ज हुई क्या जबकि हमने शिकायत दी थी। जयराम ठाकुर ने कहा कि बीते कल कांग्रेस नेता का आपत्तिजनक वीडियो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुख्खू को भेजा है और मुख्यमंत्री से इस व्यक्ति के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराने की उम्मीद जताई है। इस व्यक्ति ने शांति को भंग किया है और ये कानून के दायरे में आता है। इसलिए इसमें एफआईआर दर्ज होना चाहिए। मैं फिर कह रहा हूँ ये लोग आपदा में कुछ नहीं कर पा रहे हैं और पीड़ित जनता का आक्रोश देख और मंडी में आई आपदा देख ये न तो काम करने को राजी हैं और न इनकी नियत सही है। ये समय राजनीति का नहीं जनता के जख्मों पर मरहम लगाने का है।