हर 15 दिन में करवाना होगा धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा ऑडिट , मनसा देवी मार्ग पर हुई भगदड़ की घटना के बाद पुलिस ने दिए निर्देश

हरिद्वार मनसा देवी मार्ग पर भगदड़ की घटना के बाद आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने रेंज के सभी धार्मिक स्थलों में हर 15 दिन में सुरक्षा ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही वहां पर समय-समय पर मॉक ड्रिल करने के लिए भी कहा है ताकि इन स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था को परखा जा सके। आईजी ने इस संबंध में सभी सातों जिलों के पुलिस प्रभारियों को सोमवार को निर्देश जारी किए हैं। आईजी स्वरूप ने बताया कि उन्होंने धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा है

Jul 29, 2025 - 19:31
Jul 29, 2025 - 20:21
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हर 15 दिन में करवाना होगा धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा ऑडिट , मनसा देवी मार्ग पर हुई भगदड़ की घटना के बाद पुलिस ने दिए निर्देश
 
यंगवार्ता न्यूज़ - हरिद्वार  29-07-2025

हरिद्वार मनसा देवी मार्ग पर भगदड़ की घटना के बाद आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने रेंज के सभी धार्मिक स्थलों में हर 15 दिन में सुरक्षा ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही वहां पर समय-समय पर मॉक ड्रिल करने के लिए भी कहा है ताकि इन स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था को परखा जा सके। आईजी ने इस संबंध में सभी सातों जिलों के पुलिस प्रभारियों को सोमवार को निर्देश जारी किए हैं। आईजी स्वरूप ने बताया कि उन्होंने धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा है। 
धार्मिक स्थलों पर देखा जाए कि किस समय कितनी भीड़ आती है इसी हिसाब से यहां पर सुरक्षा की व्यवस्था के लिए एसओपी तैयार की जाए। धार्मिक स्थलों पर पुलिस कर्मचारियों के नेतृत्व में कम से कम एक सब इंस्पेक्टर की तैनाती जरूर की जाए ताकि यहां जवाबदेही आसान हो सके। ठोस कार्ययोजना बनाई जाए जिससे आकस्मिक घटना की रोकथाम के कदम उठाए जा सकें। हर धार्मिक स्थल पर पुलिस के साथ-साथ इंटेलिजेंस को भी सक्रिय किया जाए। जिलों से कहा गया है कि वे अपने यहां धार्मिक स्थलों में सुरक्षा ऑडिट कराएं। इसमें भीड़ नियंत्रण और किसी अन्य घटना के मद्देनजर सभी पहलुओं पर गहनता से समीक्षा करते हुए व्यवस्था की जाए। 
मॉक ड्रिल के बाद जो त्रुटियां सामने आती हैं उन्हें जल्द से जल्द सही किया जाए। स्थानीय प्रशासन से समन्वय स्थापित कर धार्मिक स्थलों पर पर्याप्त विद्युत व्यवस्था कराई जाए। विद्युत लाइन और उपकरणों के सुरक्षित संचालक के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को भी उत्तरदायी बनाया जाए। इसके अलावा अग्नि सुरक्षा के लिए फायर उपकरण भी स्थापित किए जाएं। इसके संचालक के लिए फायर सर्विस के कर्मचारियों की तैनाती की जाए।

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