सावधान : घाटे का सौदा बन सकता है फ्री का वाई-फाई , क्या ! है इसकी सच्चाई जानिए 

अक्सर लोग फ्री पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि इस तरह उनका डाटा चोरी भी हो सकता है। अगर इससे बचना चाहते हैं, तो फ्री वाई-फाई का इस्तेमाल सावधानी बरतते हुए करें। अधिकतर लोग जरूरत पड़ने पर अपने लैपटॉप, टैबलेट या स्मार्टफोन को फ्री पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क से जोड़ लेते हैं, जबकि उन्हें इस बात का कतई अंदेशा नहीं होता कि यह खतरनाक हो सकता है

Oct 11, 2025 - 14:20
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सावधान : घाटे का सौदा बन सकता है फ्री का वाई-फाई , क्या ! है इसकी सच्चाई जानिए 

न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली  11-10-2025
अक्सर लोग फ्री पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि इस तरह उनका डाटा चोरी भी हो सकता है। अगर इससे बचना चाहते हैं, तो फ्री वाई-फाई का इस्तेमाल सावधानी बरतते हुए करें। अधिकतर लोग जरूरत पड़ने पर अपने लैपटॉप, टैबलेट या स्मार्टफोन को फ्री पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क से जोड़ लेते हैं, जबकि उन्हें इस बात का कतई अंदेशा नहीं होता कि यह खतरनाक हो सकता है। हैकर्स ने ऐसा तरीका बहुत पहले ईजाद कर लिया है , जिसके सहारे वे आपकी वेबसाइट लॉग-इन से डिटेल इकट्ठा कर उस पर कब्जा जमा ले। ऐसा तभी होता है जब यूजर असुरक्षित वाई-फाई नेटवर्क से कनेक्ट रहते हैं। 
और तो और, हैकर्स ने ऐसा तरीका भी खोज निकाला है, जिससे वे किसी एप्प को मेलवेयर का शिकार दिखाकर स्मार्टफोन या टैबलेट से निजी जानकारियां चुरा सकें। इसका मतलब यह भी नहीं है कि हैकर्स के डर से यूजर्स फ्री पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क का इस्तेमाल बंद कर दें। जरूरत बस कुछ सावधानियां बरतने की है। इसके बाद बिना किसी समस्या के फ्री वाई-फाई का इस्तेमाल किया जा सकता है। पिछले कुछ समय से स्मार्टफोन और टैबलेट में छिपे हुए एप्प के जरिए मेलवेयर भेजने के मामलों में बढ़ोत्तरी देखने में आई है। हालांकि आईफोन और आईपैड यूजर्स राहत की सांस ले सकते हैं। 
इसकी वजह यह है कि एप्पल का स्क्रीनिंग प्रोसेस बहुत कड़ा है, जो इस तरह के एप्प को स्वीकार नहीं करता है। देखने में आया है कि ऐसे मामलों में एंड्रॉयड यूजर्स को ज्यादा समस्या उठानी पड़ी है। दरअसल, इन डिवाइस में इस तरह के गलत एप्प बड़े पैमाने पर मिल जाते हैं। मसलन ‘एंग्री बर्डस’ जैसे लोकप्रिय गेम्स डाउनलोड करते वक्त मेलवेयर आपके सिस्टम में एंट्री कर जाता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप जब भी वाई-फाई का इस्तेमाल करें, तो किसी भी नए एप्प को डाउनलोड करते वक्त सावधान रहें।

क्या है समाधान
विशेषज्ञों की मानें, तो इस समस्या का बहुत ही साधारण समाधान है और वह यह कि आप एंटी-वायरस टूल को अपने डिवाइस में डाउनलोड कर लें। एंटी वायरस टूल गैजेट के सभी एप्प को स्कैन कर आपको सूचित करता रहता है। इस तरह आप पहले ही सतर्क हो जाते हैं और आपका गैजेट मेलवेयर का शिकार होने से बच जाता है। यही नहीं, यह एंटी-वायरस टूल आपको एसएमएस मेलवेयर थ्रेट से भी बचाता है। इसके अलावा, आप पासवर्ड डालकर ऐसे एप्प को लॉक भी कर सकते हैं, जिससे डिवाइस हैकर्स से बचा रहेगा।

सिक्योर हो नेटवर्क

अगर आप बिना सेफ्टी फीचर्स के वाई-फाई का फ्री पब्लिक हॉटस्पॉट यूज करते हैं, तो यह जोखिम भरा साबित हो सकता है, लेकिन इसमें ‘सिक्योरिटी की’ भी उपलब्ध कराई जाती है। इसके जरिए यूजर्स बाहरी फ्री-लोडर्स से बच जाते हैं। इसका फायदा यह होता है कि कोई भी ऐरा-गैरा आपके वाई-फाई से कनेक्ट नहीं हो पाता। इसे समझते हुए अगर आप इस तरह के सुरक्षा विकल्पों का सहारा लेते हैं, तो डाटा के सुरक्षित रहने के चांस बढ़ जाते हैं।

अपडेट करें सॉफ्टवेयर

आजकल स्मार्टफोन और टैबलेट निर्माता कंपनी इसके फंक्शन में निरंतर सुधार लाती रहती हैं। अगर आपने कोई डिवाइस दो महीने पहले खरीदा था, तो उसमें आज काफी बदलाव आ चुके होते हैं। इसलिए अपने डिवाइस में सिक्योरिटी फीचर्स को अपडेट करते रहें, ताकि आप नए खतरों से बच सकें। वैसे स्मार्टफोन और टैबलेट्स अपने आप भी अपडेट होते रहते हैं।
 

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