यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 10-08-2025
शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि झूठी गारंटियां देकर सत्ता हथियाना, झूठी वादे करके लोगों का वोट ले लेना और सरकार बनने के बाद अपनी गारंटियों से साफ मुकर जाना वोटो की चोरी होती है, जनादेश हथियाना होता है और कांग्रेस इसमें ’मास्टर’ है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के वोट चोरी का ज्वलंत उदाहरण है। जहां विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बड़े–बड़े नेताओं ने खुलेआम आकर दस गारंटियां दी। उसके बाद देश भर से कांग्रेस के प्रवक्ताओं की फौज और हिमाचल के छोटे–बड़े नेता गली चौराहे पर जाकर चीखते रहे और पहली कैबिनेट में ही से गारंटियों को लागू करने की कसमें खाते रहे। उसमें कई नेताओं के गारंटियों को लेकर दिए गए बयान सुनकर आज हंसी आती है। गारंटियों को पूरा न करने के उनके आज के तर्क और बयान सुनकर तरस आता है कि सार्वजनिक जीवन में रहने वाला व्यक्ति इतना बड़ा झूठ कैसे बोल सकता है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि जिन गारंटियों के नाम पर कांग्रेस हिमाचल में सत्ता में आई थी, ढाई साल में सुक्खू सरकार ने उन सभी गारंटियों के उलट ही काम किया। 5 लाख युवाओं को रोजगार, पहली कैबिनेट में 1 लाख नौकरी जैसे लोकलुभावन वादे करने वाली पार्टी जब सरकार में आती है तो डेढ़ लाख से ज्यादा पद खत्म कर देती है, 15000 से ज्यादा लोगों को नौकरी से निकाल देती है, हजारों पदों पर चली हुई भर्तियों को रोक देती है। युवाओं को नौकरी देने से रोकने के हर वह जतन करती है जो एक सरकार कर सकती है। 300 यूनिट बिजली देने का वादा करके सत्ता में आने वाली सरकार पहले से मिल रही 125 यूनिट बिजली की सुविधा खत्म कर देती है और 300 यूनिट बिजली पर मिल ही सब्सिडी खत्म कर देती है जिससे बिजली के दाम 3 गुना से ज्यादा महंगे हो जाते हैं।
महिलाओं को ₹1500 देने की गारंटी हिमाचल की राजनीति में बोला गया सबसे बड़ा झूठ साबित होता है। युवाओं को स्टार्टअप फंड देने का वादा करने वाली सरकार पहले से चली आ रही स्वावलंबन योजना को बंद कर देती है। ₹100 में दूध खरीदने की गारंटी देने वाली सरकार किसानों को समय से दूध के खरीद मूल्य का भुगतान भी नहीं करती है। लोग महीनों तक दूध के भुगतान की राह देखते हैं, मीडिया में खबरें छपती है तब सरकार बीच-बीच में जागती है और आधा अधूरा भुगतान करती है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिन गारंटियों के नाम पर कांग्रेस सत्ता में आई थी आज उनके नाम से भी भागती है। कांग्रेस के नेता, मुख्यमंत्री और मंत्री कई दफा अपनी ही गारंटियों से मुंह मोड़ चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने तो सदन के भीतर ही कह दिया था कि हमने एक लाख सरकारी रोजगार पहली कैबिनेट में देने का कोई वादा ही नहीं किया था। इसके अलावा कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र तो सुख की सरकार ने सत्ता में आने के बाद से कभी पलट कर भी नहीं देखा। इस तरीके के झूठे वादे करना जनता के विश्वास के साथ विश्वासघात है उनके वोट की साथ चोरी है। जनादेश को हथियाना है। लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान करना है। दुर्भाग्य से भारत के इतिहास की सबसे पुरानी पार्टी वोटों की चोरी में सिद्धहस्त है। हिमाचल प्रदेश के लोगों को 10 झूठी गारंटियां देकर उनके वोट चोरी करने के लिए कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।