सरकारी स्कूलों में कार्यरत 592 प्रवक्ताओं की पदोन्नति खतरे में,कारण बताओ नोटिस जारी

सरकारी स्कूलों में कार्यरत 592 प्रवक्ताओं की पदोन्नति खतरे में पड़ गई है। संशोधित वरिष्ठता के आधार पर वास्तविक पात्र शिक्षकों को पदोन्नति देने के लिए शिक्षा निदेशालय ने कार्रवाई शुरू करते हुए इन प्रवक्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिन में स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश

Oct 26, 2025 - 15:45
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सरकारी स्कूलों में कार्यरत 592 प्रवक्ताओं की पदोन्नति खतरे में,कारण बताओ नोटिस जारी

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    26-10-2025

सरकारी स्कूलों में कार्यरत 592 प्रवक्ताओं की पदोन्नति खतरे में पड़ गई है। संशोधित वरिष्ठता के आधार पर वास्तविक पात्र शिक्षकों को पदोन्नति देने के लिए शिक्षा निदेशालय ने कार्रवाई शुरू करते हुए इन प्रवक्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिन में स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं। 

टीजीटी से प्रवक्ता पदों की संशोधित वरिष्ठता सूची तैयार करने को लेकर आए हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा निदेशालय ने यह तैयारी शुरू की है। साल 2019 से 2025 के दौरान टीजीटी पद से इन शिक्षकों को प्रवक्ता पद पर पदोन्नत किया गया है। 

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने पूर्णिमा कुमारी बनाम राज्य सरकार मामले में 10 सितंबर 2024 को आदेश दिया था कि टीजीटी से प्रवक्ता पदोन्नति की वरिष्ठता सूची में आवश्यक संशोधन किए जाएं। नया संशोधित वरिष्ठता क्रम कानून के अनुसार तैयार किया जाए। 

कोर्ट ने आठ सप्ताह में यह प्रक्रिया पूरी करने को कहा था। इसके बाद 19 फरवरी 2025 को प्रदेश भर्ती एवं सरकारी कर्मचारियों की सेवा की शर्तें अधिनियम अधिसूचित हुआ, जो 20 फरवरी से प्रभावी हो गया। 

इस अधिनियम के अनुसार अब नियमित नियुक्ति वाले कर्मचारियों को ही वरिष्ठता, पदोन्नति, वार्षिक वृद्धि आदि का लाभ मिल सकेगा। शिक्षा विभाग ने फरवरी 2025 में टीजीटी शिक्षकों से प्रवक्ता (स्कूल-न्यू) कैडर में पदोन्नति के लिए नए विकल्प मांगे थे। इसके लिए अंतिम तिथि 10 मार्च 2025 तय की गई थी, जिसे बढ़ाकर 25 मार्च भी किया गया। 

अदालत ने विभाग को प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर 28 अक्तूबर तक अनुपालन शपथपत्र दाखिल करने को कहा है। हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद शिक्षा विभाग ने 6 सितंबर 2025 को टीजीटी की अस्थायी वरिष्ठता सूची और 23 सितंबर 2025 को अंतिम वरिष्ठता सूची जारी की। इस संशोधित सूची के चलते लगभग 2700 शिक्षकों की वरिष्ठता प्रभावित हुई। 

विभाग ने 23 सितंबर के बाद वरिष्ठता में परिवर्तन वाले शिक्षकों से फिर से विकल्प मांगे और 7 अक्तूबर तक आवेदन स्वीकार किए। कुल 749 शिक्षकों ने पदोन्नति का दावा किया। विभाग के अनुसार अब 592 जूनियर शिक्षकों की पदोन्नति वापस लेनी पड़ सकती है। 

जिससे संशोधित वरिष्ठता के आधार पर वास्तविक पात्र शिक्षकों को पदोन्नति दी जा सके। इस संबंध में जारी कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि संबंधित शिक्षकों को 7 दिन के भीतर स्पष्टीकरण देना होगा। अन्यथा यह माना जाएगा कि उन्हें कुछ नहीं कहना और कार्रवाई एकतरफा की जाएगी।

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