इस वर्ष शिमला में 13 हजार 861 बागवानों ने 6 लाख 69 हजार पेड़ों का करवाया बीमा :  उपायुक्त

उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आज यहां प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन के संबंध में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में बागवानी एवं कृषि विभाग एवं इंश्योरेंस कंपनियों के अधिकारीगण उपस्थित रहे। बैठक में शिमला जिला की बीमा योजना के अंतर्गत कवर फसलों पर विस्तार से चर्चा की गई। उपायुक्त ने कहा कि योजना के अंतर्गत जिला में 6 फसलों को शामिल किया गया है जिसमें सेब, आम, आडू, अनार, साइट्स एवं पल्म की फसलें शामिल है

Oct 8, 2024 - 00:37
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इस वर्ष शिमला में 13 हजार 861 बागवानों ने 6 लाख 69 हजार पेड़ों का करवाया बीमा :  उपायुक्त

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  07-10-2024

उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आज यहां प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन के संबंध में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में बागवानी एवं कृषि विभाग एवं इंश्योरेंस कंपनियों के अधिकारीगण उपस्थित रहे। बैठक में शिमला जिला की बीमा योजना के अंतर्गत कवर फसलों पर विस्तार से चर्चा की गई। उपायुक्त ने कहा कि योजना के अंतर्गत जिला में 6 फसलों को शामिल किया गया है जिसमें सेब, आम, आडू, अनार, साइट्स एवं पल्म की फसलें शामिल है। 
इस वर्ष जिला शिमला में 13 हजार 861 बागवानों ने 6 लाख 69 हजार पेड़ों का बीमा करवाया है। उन्होंने कहा कि जिला शिमला में प्रत्येक वर्ष योजना के अंतर्गत बागवानों द्वारा बीमा कम करवाया जा रहा है जिसको बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि बागवानों को इसका लाभ मिल सके। अनुपम कश्यप ने कहा कि जिला में बागवानी के क्षेत्र में फ्यूचर जनरली टोटल इंश्योरेंस सॉल्यूशन एवं एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया कार्यरत है। उन्होंने इंश्योरेंस कंपनियों को मौसम विषमताओं से फसलों को हुए नुकसान के प्राप्त दावों को समय रहते निपटारा करने के निर्देश दिए ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके। 
उन्होंने कहा कि पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना मौसम की विषमताओं द्वारा उपज की संभावित क्षति से कृषकों को हुए नुकसान की भरपाई करती है। योजना के अंतर्गत तापमान, वर्षा, तापमान में उतार चढ़ाव, हवा की तेज गति एवं ओलावृष्टि जोखिम शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी फसलों पर बीमित राशि प्रति पेड़ के हिसाब से 5 प्रतिशत कृषक अंश देय प्रीमियम प्रति पेड़ जमा करना पड़ता है। बैठक में बागवानी एवं कृषि विभाग के अधिकारीगण तथा इंश्योरेंस कंपनी के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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