नौकरशाही के कब्जे में हिमाचल सरकार, ले रहे जनविरोधी फैसले : संजय शर्मा

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय शर्मा ने कहा कि हिमाचल सरकार के ऊपर पूरी तरह से नौकरशाही का कब्जा है और राजनीतिक नेतृत्व व्यवस्था में बेबस नजर आ रहा है। अधिकारी वर्ग सामान्य कर्मचारियों के साथ भेदभाव कर रहा है और अपने लिए अलग नीतियां बनाकर के सरकार को गुमराह कर रहा

Oct 19, 2024 - 15:20
 0  10
नौकरशाही के कब्जे में हिमाचल सरकार, ले रहे जनविरोधी फैसले : संजय शर्मा

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     19-10-2024

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय शर्मा ने कहा कि हिमाचल सरकार के ऊपर पूरी तरह से नौकरशाही का कब्जा है और राजनीतिक नेतृत्व व्यवस्था में बेबस नजर आ रहा है। अधिकारी वर्ग सामान्य कर्मचारियों के साथ भेदभाव कर रहा है और अपने लिए अलग नीतियां बनाकर के सरकार को गुमराह कर रहा है। यहां मुख्यमंत्री घोषणा कर रहे हैं कि उन्होंने प्रदेश  के कर्मचारियों को 4% डी ए  दिया है। 

वहीं अधिकारियों ने अपने लिए रास्ता निकाल करके खुद के लिए प्रदेश सरकार से एक मुश्त 12% डी ए सरकार से ले लिया और इसके अतिरिक्त तीन प्रतिशत दिए केंद्र सरकार से भी ले लिया जबकि प्रदेश के कर्मचारियों को अभी तक यह भी भरोसा नहीं है कि उसकी चार प्रतिशत भी मिलेगा या नहीं, या फिर मुख्यमंत्री की यह घोषणा भी चुनावी घोषणाओं की तरह झूठी ही साबित होगी। 

प्रदेश के IAS. IPS ,IFS अधिकारियों के लिए प्रदेश में अलग नीति बनाई गई है जिसका लाभ प्रदेश के चुनिंदा अधिकारियों को मिल रहा है जबकि ईमानदारी से काम करने वाला कर्मचारी वर्ग हमेशा ठगा गया है। प्रदेश सरकार को चाहिए की जो अधिकारी सरकार को गुमराह करके ऐसी नीतियां बना रहे हैं और खुद को लाभ पहुंचाना चाहते हैं उनके ऊपर अंकुश लगाया जाए और ऐसी भी विसंगतियों को दूर करने के लिए एक नीति लाई जाए। 

एक तरफ सरकार वित्तीय संकट का रोना रो रही है और दूसरी तरफ अधिकारी खुद को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी खजाने को लूट रहे हैं। यही वह अधिकारी वर्ग है जो आए दिन सरकार की किरकिरी करवाता है कभी टॉयलेट टैक्स के नाम पर और कभी बसों के भीतर ले जाने वाले सामान के लिए टैक्स लगाने की सलाह सरकार को देता है और जनता के ऊपर करों का बोझ लादना चाहता है और आम आदमी का जीवन खराब कर रहा है। बिजली के दामों में बढ़ोतरी करना भी ऐसे ही अधिकारियों की सलाह है।

प्रदेश के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि ऐसी नीति बनाई गई जिसने कर्मचारी वर्ग को दो कैटेगरी के बीच में बांट दिया गया है एक वह जो 53% डी ए,   ले रहा है और दूसरा वर्ग 37% ले रहा है । क्या 53% लेने वालों के लिए अधिक महंगाई है और बाकियों के लिए कम है ?

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow