माँ बिजाई के जागरण में उमड़ा आस्था का सैलाब , गिरिपार में निभाई जा रही सदियों पुरानी दैवीय परंपराएं

सिरमौर जिला गिरिपार इलाका अपनी पौराणिक संस्कृति के लिए जाना जाता है यहां सदियों पुरानी देवी देवताओं से जुड़ी कई परंपराएं हैं जिन्हें आज भी बखूबी निभाया जा रहा है इसकी झलक क्षेत्र के बडोल गांव में आज देखने को मिली। दरसल गिरिपार क्षेत्र जरवा गाँव में आयोजित हो रहे आज छाई पालकी के जागरण के लिए पौराणिक गाँव बडोल से क्षेत्र की आराध्य कुल देवी माँ बिजाई की पालकी रवाना हुई जिसमें सैंकड़ों की संख्या में लोगो ने शिरकत की

Oct 24, 2025 - 19:36
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माँ बिजाई के जागरण में उमड़ा आस्था का सैलाब , गिरिपार में निभाई जा रही सदियों पुरानी दैवीय परंपराएं

यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन   24-10-2025
सिरमौर जिला गिरिपार इलाका अपनी पौराणिक संस्कृति के लिए जाना जाता है यहां सदियों पुरानी देवी देवताओं से जुड़ी कई परंपराएं हैं जिन्हें आज भी बखूबी निभाया जा रहा है इसकी झलक क्षेत्र के बडोल गांव में आज देखने को मिली। दरसल गिरिपार क्षेत्र जरवा गाँव में आयोजित हो रहे आज छाई पालकी के जागरण के लिए पौराणिक गाँव बडोल से क्षेत्र की आराध्य कुल देवी माँ बिजाई की पालकी रवाना हुई जिसमें सैंकड़ों की संख्या में लोगो ने शिरकत की। 
विशेष बात यह भी है कि क्षेत्र में जहां भी माँ बिजाई की छाई पालकी जागरण का आयोजन होता है वहां लोगों को देव पालकी सहित पैदल पहुंचना होता है। बडोल गांव से करीब 8 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर दिए पालकी को लेकर सैकड़ों लोग जरवा गांव पहुंचे। बच्चे बुजुर्ग और युवा सभी वर्गों के लोग शामिल थे। जरवा पंचायत के उप प्रधान गोपाल राणा ने बताया इस गांव में करीब 33 सालों के बाद मां बिजाई के जागरण का आयोजन हुआ था और आज फिर से क्षेत्र के लोगों को यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है। 
उन्होंने कहा कि क्षेत्र की सुख समृद्धि की कामना के साथ छाई जागरण का आयोजन किया जाता है ताकि माँ बिजाई का आशीर्वाद क्षेत्र वासियों पर बना रहे उन्होंने कहा कि लंबे समय के बाद इस जागरण को आयोजित करने का अवसर गांव को प्राप्त हुआ है। माँ बिजाई के मंदिर के प्रबंधों का कार्य देख रहे बलबीर ठाकुर ने बताया कि छाई पालकी का जागरण एक बेहद ऐतिहासिक पल रहता है और हजारों लोग इसके गवाह बनते है। 
उन्होंने कहा कि इस जागरण में आयोजकों को द्वारा उन सभी लोगों को निमंत्रण दिया जाता है जो इस देवी को पूजते है साथ ही लोग भी इस जागरण में भाग लेना शुभ समझते है। उन्होंने कहा कि एक दिन जरवा गांव में रात्रि ठहराव के बाद माँ बिजाई पालकी वापिस माँ बिजाई के मंदिर में स्थापित किया जाएगा।

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