मांगों को लेकर डाक्टरों ने की पेन डाउन स्ट्राइक , तीन घंटे परेशां हुए मरीज 

हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ सिरमौर की गेट मीटिंग संघ के अध्यक्ष डॉक्टर पीयूष तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। मीटिंग में  डॉक्टर अनंत विजय राघव राज्य के उपाध्यक्ष एवं सिविल हॉस्पिटल पांवटा साहिब के सभी मेडिकल ऑफिसर्स ने भाग लिया। मुख्यमंत्री से 13 फरवरी की वार्ता के मिनिट्स ऑफ़ मीटिंग अभी तक संघ से साझा नहीं किए गए हैं

Feb 20, 2024 - 19:27
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मांगों को लेकर डाक्टरों ने की पेन डाउन स्ट्राइक , तीन घंटे परेशां हुए मरीज 
यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब  20-02-2024
हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ सिरमौर की गेट मीटिंग संघ के अध्यक्ष डॉक्टर पीयूष तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। मीटिंग में  डॉक्टर अनंत विजय राघव राज्य के उपाध्यक्ष एवं सिविल हॉस्पिटल पांवटा साहिब के सभी मेडिकल ऑफिसर्स ने भाग लिया। मुख्यमंत्री से 13 फरवरी की वार्ता के मिनिट्स ऑफ़ मीटिंग अभी तक संघ से साझा नहीं किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने संघ की मांगों के संदर्भ में समितियों को बनाने की बात कही थी। लेकिन जो समितियां बनाई गई है वो धरातल पर कोई कार्य करती नजर नहीं आ रही हैं। 
पिछले डेढ़ वर्ष से डिपार्टमेंटल प्रमोशनल कमेटी खंड चिकित्सा अधिकारियों की पदोन्नति करने में असमर्थ रही है। यह कमेटी तो स्वर्ग सिधार चुके चिकित्सकों की , नौकरी छोड़ चुके चिकित्सकों की, मेडिकल कॉलेजों में कार्य कर रहे चिकित्सकों की और जिन चिकित्सकों ने पदोन्नति नहीं लेने के लिए लिख कर दे दिया है उनको भी एसीआर ढूंढ रही है। मुख्यमंत्री ने यह बात कही थी की आजकल तुरंत ऑनलाइन मध्यम से एसीआर प्राप्त की जा सकती है।  उसके बाद भी डीपीसी के माध्यम से आज तक चिकित्सकों की पदोन्नति नहीं हो पाई है। रोजगार का इंतजार कर रहे चिकित्सक भी विभाग की कछुआ गति का शिकार हो रहे हैं , क्योंकि जब तक चिकित्सकों की पदोनाती नही होती तब तक रोजगार के लिए पद भी रिक्त नहीं होंगे। 
चिकित्सकों की सीनियरिटी लिस्ट बनाने के भी लिए कमेटी का गठन किया गया है , लेकिन 2016 के बाद आठ साल हो गए लेकिन अब तक सेनियोरिटी लिस्ट नही बन सकी है। पीजी पॉलिसी के लिए भी कमेटी का गठन किया गया है लेकिन अभी तक पीजी पॉलिसी में संशोधन नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री ने संघ के साथ 3 जून 2023 की वार्ता में और 13 फरवरी 2024 की वार्ता में प्रोजेक्ट डायरेक्टर एड्स कंट्रोल सोसाइटी का कार्यभार स्वास्थ्य निदेशक को एवं मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य तथा स्वास्थ्य अधीक्षकों की शक्तियां लौटने की बात कही थी लेकिन अभी तक इस संदर्भ में भी कोई परिणाम सामने नहीं आया है। राज्य के मेडिकल कॉलेज में अधिकांश प्रशिक्षु चिकित्सक हिमाचल के ही स्थाई निवासी हैं। 
ऐसे में उनके रोजगार के लिए प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के अनुसार पद सृजित करवाए जाएं। हमारे ही पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में चिकित्सकों के 4500 पद स्वीकृत हैं जोकि हिमाचल से डेढ़ गुना हैं और हिमाचल में 3000 से ही कम चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं। संघ ने एक महीने से अधिक अवधि तक काले बिल्ले लगाकर कार्य किया , लेकिन संघ को अभी तक आश्वासन ही मिला है। मुख्यमंत्री से संघ की वार्ता 3 जून को हुई थी जिसके मिनिट्स आफ मीटिंग अब तक संघ से सांझा नहीं किए गए हैं। 
मंगलवार 13 फरवरी को मुख्यमंत्री से हुई संघ की वार्ता के मिनट्स ऑफ मीटिंग एक सप्ताह में नहीं आये हैं। इसी कारण से संघ 20 फरवरी से प्रातः 9:30 से 12:00 बजे तक पैन डाउन करेगा। इस दौरान आपातकालीन सेवाएं ही प्रदान की जायेंगी। संघ प्रदेश की जनता के लिए समर्पित है और संघ की मांगे पूरी होने से ही प्रदेश की जनता को और बेहतरीन सेवाएं उपलब्ध होंगी।

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