वित्तीय कठिनाई के दौर में सरकार का बड़ा मददगार बना ऊर्जा क्षेत्र , फ्री पावर से कमाए 1744 करोड़

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की नीतियों ने असर दिखाना शुरू कर दिया है और वित्तीय कठिनाइयों के दौर में ऊर्जा क्षेत्र प्रदेश सरकार के लिए बड़ा मददगार साबित हुआ है। सीएम सुक्खू के प्रयासों के चलते इस वित्त वर्ष में अभी तक फ्री पावर में प्रदेश ने अच्छी खासी कमाई की है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक सरकार ने फ्री पावर की एवज में 1744 करोड़ रुपए की कमाई कर ली है, जोकि पिछले वित्तीय वर्ष से कहीं अधिक है

Feb 19, 2025 - 11:58
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वित्तीय कठिनाई के दौर में सरकार का बड़ा मददगार बना ऊर्जा क्षेत्र , फ्री पावर से कमाए 1744 करोड़

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  19-02-2025

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की नीतियों ने असर दिखाना शुरू कर दिया है और वित्तीय कठिनाइयों के दौर में ऊर्जा क्षेत्र प्रदेश सरकार के लिए बड़ा मददगार साबित हुआ है। सीएम सुक्खू के प्रयासों के चलते इस वित्त वर्ष में अभी तक फ्री पावर में प्रदेश ने अच्छी खासी कमाई की है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक सरकार ने फ्री पावर की एवज में 1744 करोड़ रुपए की कमाई कर ली है, जोकि पिछले वित्तीय वर्ष से कहीं अधिक है। आंकड़ों पर गौर करें, तो पिछले वित्तीय वर्ष में 1300 करोड़ रुपए के आसपास की कमाई फ्री पावर बेचकर हुई थी और इस बार यह आंकड़ा बढ़ गया है। हालांकि सरकार ने टारगेट 2050 करोड़ रुपए का रखा है और इसे पूरा करने के लिए अभी डेढ़ महीने का समय है। सूत्रों के अनुसार हिमाचल सरकार को विभिन्न बिजली परियोजनाओं से जो बिजली मिली, वह इस बार पहले से ज्यादा थी। 
यह बिजली फ्री पावर के रूप में मिलती है। परियोजनाओं के साथ सरकार के करार हैं, जिसमें 12 फीसदी तक मुफ्त बिजली रॉयल्टी तो मिलती ही है, वहीं कई परियोजनाओं में इससे भी ज्यादा है। कुछ परियोजनाएं 12 साल और फिर 18 साल की अवधि पूरी कर चुकी हैं, जिनसे और ज्यादा फ्री पावर सरकार को आती है। ऐसे सालों पुराने प्रोजेक्ट जैसे-जैसे उम्र पूरी कर रहे हैं, तो इससे सरकार को ज्यादा रॉयल्टी मिलने लगी है। ऐसे में यह प्रोजेक्ट अब सरकार के लिए फायदेमंद साबित हो रहे हैं। साल दर साल मुफ्त बिजली रॉयल्टी बढ़ने से और नई परियोजनाओं के उत्पादन में आ जाने से सरकार को रॉयल्टी बढ़ रही है। बताया जाता है कि मौजूदा वित्त वर्ष में सरकार ने अब तक फ्री पावर 3300 मिलियन यूनिट बेच दी है। 
यानी इस बार अभी तक सरकार को रॉयल्टी में 3300 मिलियन यूनिट बिजली मिल चुकी है और इसके बाद सरकार जिस तरह के करार दूसरे राज्यों या बाहरी राज्यों के साथ करती है, तो उसमें भी फायदा रहता है। जो करार सरकार ने दूसरों से इस बिजली की एवज में किए हैं, तो वे पहले से ज्यादा राशि के हुए। इससे यह भी साफ है कि सरकार की बिजली महंगी दरों पर बिकी है, तभी उसकी इनकम में बढ़ोतरी हुई है। 1744 करोड़ रुपए इस वक्त सरकार के लिए बेहद जरूरी थे। चरणबद्ध ढंग से यह राशि सरकार को मिलती रहती है, जिससे उसका काम चल रहा है। यहां बता दें कि ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई तरह के प्रयास कर रही है। 
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से बिजली की ट्रेडिंग को बेहतर बनाने के लिए जोर दिया है और इस पर गंभीरता से काम करने को कहा था, ताकि इसका रिजल्ट अच्छा हो। यह रिजल्ट अब दिख रहे हैं, जिनकी बदौलत आने वाले समय में और बढ़ोतरी होगी। अभी पावर कारपोरेशन के कुछ प्रोजेक्टों पर काम चल रहा है, जो आने वाले दिनों में सरकार के लिए कमाई करेंगे। यह बात फ्री रॉयल्टी से हटकर है, क्योंकि सौर ऊर्जा परियोजनाओं से भी आने वाले दिनों में सरकार को बड़ा लाभ मिलने वाला है। कुल मिलाकर बिजली क्षेत्र फिलहाल सरकार की आर्थिकी को मजबूत करने में सहायक सिद्ध हो रहा है। यदि वाटर सेस लग जाता तो सरकार की सभी मुश्किलें हल हो जाती , परंतु वह कानूनी पेचीदगी में फंस गया है।

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