सदन में उठा दवा निर्माण का मुद्दा , एक साल में अकेले बीबीएन 374 दवाओं के सैंपल हुए फेल

औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में पिछले एक साल में 374 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान शाहपुर के विधायक केवल पठानिया और सुलह के विधायक विपिन सिंह परमार के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिनके सैंपल फेल हुए हैं, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की गई है और कुछ कंपनियों को ब्लैक लिस्ट भी किया गया है

Feb 27, 2024 - 18:01
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सदन में उठा दवा निर्माण का मुद्दा , एक साल में अकेले बीबीएन 374 दवाओं के सैंपल हुए फेल

 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  27-02-2024


औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में पिछले एक साल में 374 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान शाहपुर के विधायक केवल पठानिया और सुलह के विधायक विपिन सिंह परमार के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिनके सैंपल फेल हुए हैं, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की गई है और कुछ कंपनियों को ब्लैक लिस्ट भी किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दवा उद्योगों को कारण बताओ नोटिस भेजे गए हैं। दवाओं की गुणवत्ता जांचने के लिए अल्ट्रा मॉडर्न लैब को लोकार्पण भी जल्द किया जाएगा। 

अल्ट्रा मॉडर्न लैब के निर्माण पर 32 करोड़ रुपए खर्च किया जा रहे हैं। दवाइयों की गुणवत्ता जांच के लिए औषधि और प्रसाधन अधिनियम 1940 में निहित प्रावधानों अनुसार समय.समय पर दवा निरीक्षकों द्वारा सैम्पल लिए जाते हैं। दवाइयों की गुणवत्ता की जांच के लिए प्रदेश में स्थिति संयुक्त परीक्षण प्रयोगशालाए कंडाघाट के साथ प्रदेश सरकार द्वारा अधिकृत क्षेत्रीय परीक्षण प्रयोगशाला चंडीगढ़ में इन नमूनों की जांच की जाती है। उन्होंने कहा कि यदि दवा के सैंपल की रिपोर्ट निर्धारित मानकों के विरुद्ध आती है, तो उनके खिलाफ औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम 1940 के प्रावधानों अनुसार कार्रवाई की जाती है। विधायक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि बार-बार दवाओं के सैंपल फेल होने की सूचनाएँ मिल रही हैं। 

उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए सरकार क्या कदम उठा रही है। इसके अलावा विधायक विपिन सिंह परमार ने सवाल उठाते हुए कहा कि बीबीएन में फार्मास्यूटिकल हब में कितने दवा के सैंपल फेल हुए। उन्होंने पूछा कि दवाइयों की गुणवत्ता को जांचने के लिए क्या अल्ट्रा मॉडर्न लैब स्थापित की जा रही है। विधायक डॉ. जनक राज ने सवाल किया कि दवा के सैंपल जांचने की क्या प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि ड्रग कंट्रोलर का पद कब तक भरा जाएगा। साथ ही कहा कि जिस कंपनी का दवा सैंपल फेल होता है। वह कंपनी फिर दूसरे नाम से लाइसेंस लेकर काम शुरू कर देती है। 

इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कुल 677 दवा उद्योगों की इकाईयां हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार की मदद से बद्दी में दवा परीक्षण प्रयोगशाला का निर्माण किया जा रहा है ताकि अधिक संख्या में दवा के सैंपलों की जांच की जा सके और प्रदेश में किसी भी प्रकार की घटिया दवा के निर्माण और वितरण पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि विभाग में 39 औषधि निरीक्षक हैं जो इन विनिर्माण इकाइयों बिक्री परिसरों और सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण कर रहे हैं। फिर भी यदि कोई इकाई इस अधिनियम का उल्लंघन करती है तो एसी कंपनी के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।

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