हिमाचल के बलिदानी बलदेव चंद पंचतत्व में विलीन, सैन्य सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई

जम्मू-कश्मीर के दुर्गम इलाके डुडु-बसंतगढ़ क्षेत्र के सेओज धार वन क्षेत्र में आतंकियों के साथ चल रही भीषण मुठभेड़ में हिमाचल के सेना के लांस दफादार बलदेव चंद शनिवार को बलिदान हो गए। बिलासपुर जिले के थेह गांव निवासी बलदेव चंद शुक्रवार रात 8 बजे से शुरू हुई मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल

Sep 21, 2025 - 17:18
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हिमाचल के बलिदानी बलदेव चंद पंचतत्व में विलीन, सैन्य सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई

यंगवार्ता न्यूज़ - बिलासपुर    21-09-2025

जम्मू-कश्मीर के दुर्गम इलाके डुडु-बसंतगढ़ क्षेत्र के सेओज धार वन क्षेत्र में आतंकियों के साथ चल रही भीषण मुठभेड़ में हिमाचल के सेना के लांस दफादार बलदेव चंद शनिवार को बलिदान हो गए। बिलासपुर जिले के थेह गांव निवासी बलदेव चंद शुक्रवार रात 8 बजे से शुरू हुई मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। 

उन्हें फौरन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई गई लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। मुठभेड़ शुक्रवार रात करीब 8 बजे तब शुरू हुई जब सेना और पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की टीम तलाशी अभियान में लगी थी। डुडु-बसंतगढ़ क्षेत्र के सेओज धार वन क्षेत्र में आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। इसमें बलदेव चंद घायल हो गए थे। बलदेव 4 राष्ट्रीय राइफल्स में लांस दफादार के रूप में तैनात थे।

देह लांस दफादार बलदेव की पार्थिव देह रविवार को पैतृक गांव पहुंची जहां उन्हें सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई । इस दौरान पूरा क्षेत्र भारत माता की जय और बलदेव चंद अमर रहे के नारों से गूंज उठा। वहीं, शहीद बलदेव चंद के साथियों ने उनकी शहादत सम्मान में बाइक पर तिरंगा रैली निकाली। बलदेव साल 2011 में सेना में भर्ती हुए थे। 

उनके पिता सेवानिवृत्त हवलदार बिशन दास और ताया और चाचा भी सेना में सेवाएं दे चुके हैं। बलदेव चंद अपने पीछे सात साल के बेटे, पत्नी, भाई और मां-बाप को छोड़ गए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि बलदेव ने सीमाओं की रक्षा करते हुए प्राण न्योछावर किए हैं। उनका बलिदान  हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार इस कठिन समय में परिवार की हर संभव मदद करेगी। 

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