यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 05-10-2025
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल को सूचित करते हुए एक पत्र लिखा कि केन्द्र की अपेक्षानुसार लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर जिला पद यात्राओं के आयोजन हेतु एक समिति का गठन किया गया जिसके संयोजक के रूप में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष बिहारी लाल शर्मा को नियुक्त किया गया उनके साथ इस समिति में सदस्य के रूप में प्रदेश सचिव तिलक राज, सचिव अमित ठाकुर और युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुन्नी शुक्ला कार्य करेंगे। इस अवसर पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी आम नागरिकों के दो ईपीआईसी कार्ड के मुद्दे पर तो जमकर बयानबाजी करते हैं, लेकिन अपनी ही कोर टीम की दोहरी पहचान पर मौन साध लेते हैं।
हिमाचल में भी वोटो को लेकर कांग्रेस द्वारा ऐसी एक मुहिम चल रही है और कांग्रेस की यह मुहिम सच्चाई से परे है। बिंदल ने आगे कहा कि जो कांग्रेस पार्टी खुद को मोहब्बत की दुकान कहती है, वास्तव में वही फर्जीवाड़े और फरेब का बाजार है। कांग्रेस के सीडब्ल्यूसी सदस्य और मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा के पास दो-दो ईपीआईसी कार्ड पाए गए। अब उनकी पत्नी कोटा नीलिमा , जो 2023 में तेलंगाना की 60-खैरताबाद विधानसभा सीट से उम्मीदवार थीं, उनके पास भी दो-दो ईपीआईसी कार्ड पाए गए हैं। बिंदल ने बताया कि 2023 के शपथ पत्र और वोटर सूची में नाम कोटा नीलिमा, पति का नाम पवन खेड़ा, ईपीआईसी नंबर TDZ2666014, विधानसभा 60-खैरताबाद, पार्ट नंबर 214, और सीरियल नंबर 314 दर्ज है। यह ईपीआईसी कार्ड 2025 में भी सक्रिय मिला, लेकिन इसमें पार्ट नंबर बदलकर 204 तथा सीरियल नंबर 752 कर दिया गया। लेकिन खेल यहीं खत्म नहीं होता। एक और ईपीआईसी कार्ड सामने आया है, जो इस बार दिल्ली से जुड़ा है। इस कार्ड में नाम कोटा नीलिमा नहीं, बल्कि केवल के. नीलिमा दर्ज है।
इस नए कार्ड का ईपीआईसी नंबर SZE0755975 है, जो पूरी तरह अलग है। यह विधानसभा 40-नई दिल्ली, पार्ट नंबर 70, और सीरियल नंबर 821 से संबंधित है। बिहारी लाल ने कहा कि चाहे मामला पवन खेड़ा और उनके परिवार का हो या बिहार में तेजस्वी यादव का जिन्हें अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद दो-दो ईपीआईसी कार्ड सामने आने पर भारी शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी यह कांग्रेस की पुरानी कहानी है। उन्होंने याद दिलाया कि 1980 में सोनिया गांधी, इटली की नागरिक होने के बावजूद, वोटर सूची में शामिल हो गई थीं। यानी वे भारतीय नागरिक बाद में बनीं, लेकिन वोटर सूची में उनका नाम पहले ही दर्ज हो गया था। वोट चोरी का आरोप लगाने वाली कांग्रेस पार्टी वास्तव में वोट डकैती के लिए कुख्यात रही है। कश्मीर और बिहार में ईवीएम से पहले किस तरह चुनाव में धांधली होती थी, यह पूरा देश जानता है।