शिरगुल महाराज के दर्शनों को चूड़धार में लगा बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं का तांता , प्रतिदिन पहुंच रहे सैंकड़ों लोग 

मौसम खुलते ही बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं ने चूड़धार का रुख किया। इन दिनों हिमाचल प्रदेश के अलावा बाहरी राज्यों से आए श्रद्धालु नौहराधार के रास्ते से शिरगुल महाराज के दर्शन के लिए चूड़धार की चोटी पर पहुंचे। गौरतलब है कि हिमाचल के प्रमुख आस्था स्थलों में शुमार चूड़धार में हर साल लाखों श्रद्धालु अपने आराध्य देव शिरगुल महाराज के दर्शन करने पहुंचते

Oct 2, 2023 - 12:28
Oct 2, 2023 - 14:18
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शिरगुल महाराज के दर्शनों को चूड़धार में लगा बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं का तांता , प्रतिदिन पहुंच रहे सैंकड़ों लोग 

यंगवार्ता न्यूज़ - हरिपुरधार  02-10-2023


मौसम खुलते ही बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं ने चूड़धार का रुख किया। इन दिनों हिमाचल प्रदेश के अलावा बाहरी राज्यों से आए श्रद्धालु नौहराधार के रास्ते से शिरगुल महाराज के दर्शन के लिए चूड़धार की चोटी पर पहुंचे। गौरतलब है कि हिमाचल के प्रमुख आस्था स्थलों में शुमार चूड़धार में हर साल लाखों श्रद्धालु अपने आराध्य देव शिरगुल महाराज के दर्शन करने पहुंचते हैं। गौरतलब है कि श्रद्धालु इस वर्ष ज्यादा बरसात के चलते चूड़धार नहीं जा पा रहे थे। हालांकि फिर भी श्रद्धालु जाने से नहीं रुकते थे। मौसम साफ होते ही श्रद्धालुओं का चूड़धार मंदिर में तांता लग गया है। 

चूड़धार में ठहरने की उचित व्यवस्था के चलते चूड़धार में सितंबर माह में श्रद्धालुओं के जाने का रिकार्ड टूट गया। नौहराधार के रास्ते से शनिवार और रविवार को करीब चार घंटों का पैदल सफर कर हजारों की संख्या में श्रद्धालु चूड़धार पहुंचे। यदि रोप-वे का निर्माण कार्य शीघ्र होता है तो निश्चित तौर पर बाहरी राज्य के श्रद्धालुओं को शिरगुल महाराज के दर्शन करने में आसानी होगी। बाहरी राज्यों अथवा हिमाचल के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे कई श्रद्धालुओं को नौहराधार में मौजूद होटल व गेस्ट हाउस आदि में कमरे फुल रहे। नौहराधार के रास्ते में अस्थाई ढाबे मौजूद हैं।

 स्थानीय ढाबा संचालक भी यात्रियों को अपनी दुकानों में जगह देकर उनकी मुश्किलों को कम करने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना न करना पड़े। चूड़धार में खासकर मई माह से नवंबर माह तक शिव भक्तों का यहां पर खूब तांता लगा रहता है। बहरहाल परंपरा के अनुसार बैसाखी पर कपाट खोल दिए जाते हैं। अमावस्या व अन्य शुभ तिथियों में यहां पर श्रद्धालुओं का आंकड़ा पांच हजार के पार भी चला जाता है। चूड़ेश्वर सेवा समिति के प्रबंधक बीआर शर्मा ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि कोई भी श्रद्धालु रात को सफर न करें, क्योंकि यहां रात को सफर करना जान जोखिम में डालना है।

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