नौणी विवि के अध्ययन में खुलासा : प्रदेश में कपास के कीट हेलिकोवर्षा आर्मीगेरा का सेब के फलों पर हमला
हिमाचल प्रदेश में कपास के कीट हेलिकोवर्षा आर्मीगेरा ने सेब के फलों पर हमला बोल दिया है। यह कीट मटर के दाने से लेकर अखरोट के बराबर के सेब फलों को खा रहा है। इस कीट का लारवा फलों में छेद कर रहा है

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 17-09-2025
हिमाचल प्रदेश में कपास के कीट हेलिकोवर्षा आर्मीगेरा ने सेब के फलों पर हमला बोल दिया है। यह कीट मटर के दाने से लेकर अखरोट के बराबर के सेब फलों को खा रहा है। इस कीट का लारवा फलों में छेद कर रहा है। यह बात डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के विशेषज्ञों के अध्ययन में सामने आई है।
इससे हिमाचल प्रदेश की हजारों करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था के सामने एक और खतरा पैदा हो गया है। यह अध्ययन कुलपति डॉ. राजेश्वर सिंह चंदेल की निगरानी में डॉ. चंदर सिंह, डॉ. सुभाष चंद्र वर्मा, डॉ. प्रेम लाल शर्मा, डॉ. राकेश कुमार दरोच, डॉ. विश्व गौरव सिंह चंदेल, डॉ. विभूति शर्मा, डॉ. अंशुमन सेमवाल और डॉ. ओजस चौहान की टीम ने किया है।
साइंटिफिक इस अध्ययन को शामिल किया गया है। इस अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार हिमालयी क्षेत्र में सेब उत्पादकों को अपनी फसलों पर एक नए और गंभीर खतरे का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि एक विनाशकारी कीट हेलिकोवर्षा आर्मीगेरा यानी कपास की इल्ली ने अपनी मेजबान श्रृंखला का विस्तार सेब के पेड़ों तक कर लिया है।
अध्ययन से पता चला है कि राज्य के सेब बगीचों में इस कीट से फलों के संक्रमित होने की औसत दर 32 प्रतिशत से ज्यादा है, जो हिमाचल प्रदेश सहित हिमालयी क्षेत्र में महत्वपूर्ण सेब उद्योग के लिए एक संभावित आर्थिक संकट का संकेत है। अध्ययन यह भी चेतावनी दी गई है कि यह कीट निकट भविष्य में नाशपाती, चेरी और बेर जैसी अन्य महत्वपूर्ण समशीतोष्ण फलों की फसलों तक भी फैल सकता है।
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