स्कूल कॉलेज बंद करने के बाद , अब गेस्ट टीचर पॉलिसी ला कर लाखों बेरोजगार युवाओं से खिलवाड़ कर रही सरकार : जयराम ठाकुर

शिमला से जारी बयान में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के लोगों को बार-बार भरोसा देने के बाद भी सरकार पलट गई और गेस्ट टीचर पॉलिसी के तहत शिक्षकों की भर्ती करने का नियम लेकर आई है। गेस्ट टीचर पॉलिसी के तहत शिक्षक छात्रों को घंटे के हिसाब से पढ़ाएँगे। यह बात पहले भी सामने आई थी जिसका प्रदेश के युवाओं ने पुरजोर विरोध किया था जिसके बाद सरकार द्वारा इस पॉलिसी को वापस लेने की घोषणा की गई थी

Dec 15, 2024 - 17:58
Dec 15, 2024 - 18:16
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स्कूल कॉलेज बंद करने के बाद , अब गेस्ट टीचर पॉलिसी ला कर लाखों बेरोजगार युवाओं से खिलवाड़ कर रही सरकार : जयराम ठाकुर
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  15-12-2024
शिमला से जारी बयान में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के लोगों को बार-बार भरोसा देने के बाद भी सरकार पलट गई और गेस्ट टीचर पॉलिसी के तहत शिक्षकों की भर्ती करने का नियम लेकर आई है। गेस्ट टीचर पॉलिसी के तहत शिक्षक छात्रों को घंटे के हिसाब से पढ़ाएँगे। यह बात पहले भी सामने आई थी जिसका प्रदेश के युवाओं ने पुरजोर विरोध किया था जिसके बाद सरकार द्वारा इस पॉलिसी को वापस लेने की घोषणा की गई थी। इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के युवाओं को आश्वस्त भी किया था कि सरकारी ऐसी कोई पॉलिसी नहीं लाएगी जो युवाओं के साथ किसी प्रकार का धोखा हो। सरकार की नाकामी के ही कारण प्रदेश में इस सत्र में अभिभावक सरकारी स्कूलों से किनारा कर रहे हैं। यह सरकार की नाकामी है क्योंकि सरकार की प्राथमिकता में प्रदेशवासियों की शिक्षा है ही नहीं। 
इसलिए सुक्खू सरकार ने पाँच सौ से ज़्यादा स्कूल बंद कर दिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि विधानसभा के चुनाव प्रचार से लेकर सरकार बनने के बाद सरकार के नुमाइंदों ने प्रदेश के युवाओं को कहा कि उन्हें अठावन साल वाली , पेंशन वाली , पक्की नौकरी दी जाएगी। इसलिए प्रदेश के युवाओं को परेशान होने की आवश्यकता नहीं हैं। हम पर भरोसा रखें। युवाओं ने भरोसा दिया तो बदले में उन्हें सरकार की तरफ से क्या मिला? चुनाव के समय कांग्रेस ने बढ़चढ़कर वादे किए। हर साल एक लाख नौकरी देने की गारंटी के बाद भी सरकार युवाओं को घंटे के हिसाब से नौकरी देने का प्लान बना रही है। सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओं, छात्रों और अभिभावकों को भरोसा देने के बाद भी इस तरह के कदम उठाना निंदनीय हैं। झूठ बोलकर सरकार चलाना और युवाओं को भरोसे में रखकर उनका भरोसा तोड़ना पाप है। सरकार के दो साल का कार्यकाल बीत चुका है इसलिए अब सरकार सिर्फ जुबानी जमाखर्च के बजाय काम करने पर ध्यान दें। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता में जनहित और शिक्षा नहीं हैं, इसलिए प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था दिनों दिन खराब होती जा रही है। 
स्कूलों में बच्चों के ड्रॉप आउट रेट रसातल की तरफ़ जा रहे हैं। समाचारों में प्रकाशित प्रारंभिक शिक्षा विभाग के आंकड़े सुक्खू सरकार की हकीकत बयान करने के साथ-साथ मुख्यमंत्री के झूठ को भी बेनक़ाब कर रहे रहे हैं। प्रदेश में सरकारी स्कूलों में एडमिशन लेने वालों छात्रों की संख्या पूर्व सरकार के मुक़ाबले लगभग आधी रह गई है। हमारी सरकार में सरकारी स्कूलों में जो छात्रों के एडमिशन की हिस्सेदारी 59 प्रतिशत थी जो व्यवस्था पतन वाली सरकार में घटकर 32 पर रह गई है। इसका कारण है कि प्रदेश सरकार अभिभावकों का भरोसा नहीं जीत पाई, उसकी प्रमुख वजह सरकार का शिक्षा पर ध्यान न देना हैं,व्यवस्थाओं का अस्त व्यस्त होना हैं। जब भाजपा सरकार सत्ता में आई थी तो उस समय सरकारी स्कूलों में छात्रों के एडमिशन में हिस्सेदारी 48 प्रतिशत था जिसे हमारी सरकार द्वारा बढ़ाकर 59 प्रतिशत किया था। इसलिए सरकार से निवेदन है कि इधर-उधर की बातें करने के बजाय सरकार संजीदगी से काम करे।

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