प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण शिविर में भागीदारी से किसानों को मिली उपयोगी जानकारी 

कृषि विज्ञान केंद्र सिरमौर में 20 अगस्त से चल रहा दूसरा पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का रविवार दिनांक 24 अगस्त को संपन्न हो गया। इस शिविर में जिला सिरमौर के 42 महिला और पुरुष सीआरपी को प्राकृतिक खेती के सिद्धांतों और तकनीकों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। ये सभी अब अपने-अपने क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती में किसानों को जागरूक और प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण काम करेंगे

Aug 24, 2025 - 19:13
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प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण शिविर में भागीदारी से किसानों को मिली उपयोगी जानकारी 
यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब  24-08-2025

कृषि विज्ञान केंद्र सिरमौर में 20 अगस्त से चल रहा दूसरा पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का रविवार दिनांक 24 अगस्त को संपन्न हो गया। इस शिविर में जिला सिरमौर के 42 महिला और पुरुष सीआरपी को प्राकृतिक खेती के सिद्धांतों और तकनीकों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। ये सभी अब अपने-अपने क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती में किसानों को जागरूक और प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण काम करेंगे। समापन समारोह में कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रभारी डॉ. पंकज मित्तल ने कहा कि अतीत में हमने पैदावार बढ़ाने के लिए कृषि रसायनों के दुष्प्रभावों के कारण आज मानव समाज , पशुधन और पर्यावरण स्वास्थ्य खतरे में है। 
उन्होंने कहा की प्राकृतिक खेती में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण एवं आवश्यक है और सीआरपी इस मिशन की रीढ़ हैं और इनका ज्ञान किसानों तक पहुंचे। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) जैसी पहल को प्राकृतिक खेती मिशन का एक प्रमुख घटक बताया , जिसके माध्यम से सीआरपी को सामुदायिक स्तर पर कृषि सलाहकार और प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन एवं अन्य किसानों के मार्गदर्शन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। आत्मा परियोजना जिला सिरमौर के परियोजना निदेशक डॉ. साहब सिंह ने सीआरपी की भूमिका को समझाते हुए कहा कि वे प्राकृतिक खेती मिशन की सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह प्रशिक्षण उनके काम में और अधिक उत्साह और कर्मठता लाएगा , जिससे वे किसानों को इस मिशन से जोड़कर मानव समाज के बेहतर स्वास्थ्य के लिए काम कर सकेंगे। 
इस प्रशिक्षण शिविर में केवल सैद्धांतिक ज्ञान ही नहीं दिया गया , बल्कि प्रतिभागियों को व्यावहारिक अनुभव भी मिला। प्रतिभागियों ने कृषि विज्ञान केंद्र के प्रदर्शनी फार्म , पशुपालन इकाई के साथ साथ गांव कांशीपुर के प्रगतिशील किसान रणजीत सिंह और भंगानी स्थित कृषि विभाग के प्राकृतिक खेती मॉडल फार्म का भी भ्रमण किया। जहां उन्होंने देखा कि कैसे प्राकृतिक विधि से फसल उत्पादन कैसे किया जाता है। कार्यक्रम के समापन के अवसर पर सभी प्रतिभागियों को उन्नत कृषि उपकरण , बहुवर्षीय चारा फसल नेपियर की कलमें और प्राकृतिक कृषि उपयोगी प्रकाशन सामग्री भी उपलब्ध करवाई गई। इस शिविर ने न केवल किसानों को शिक्षित किया , बल्कि प्राकृतिक खेती के लिए एक मजबूत सामुदायिक नेटवर्क भी तैयार किया है।

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