बेसहारा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है सरकार : डॉ. धनीराम शांडिल

हिमाचल प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल ने आज मंडी जिला के सरकाघाट उपमंडल स्थित भरनाल में दीनबंधु सेवा मण्डल द्वारा संचालित बाल गृह का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने बाल गृह में रह रहे बच्चों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की, उनकी समस्याओं को जाना और उनके रहन-सहन तथा शिक्षा से संबंधित जानकारी प्राप्त की

Jul 15, 2025 - 16:24
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बेसहारा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है सरकार : डॉ. धनीराम शांडिल
  
यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी  15-07-2025
हिमाचल प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल ने आज मंडी जिला के सरकाघाट उपमंडल स्थित भरनाल में दीनबंधु सेवा मण्डल द्वारा संचालित बाल गृह का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने बाल गृह में रह रहे बच्चों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की, उनकी समस्याओं को जाना और उनके रहन-सहन तथा शिक्षा से संबंधित जानकारी प्राप्त की। मंत्री ने बच्चों से बातचीत के दौरान उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की तथा उन्हें जीवन में अनुशासन, ईमानदारी और मेहनत को अपनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने बच्चों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनके सर्वांगीण विकास हेतु हर संभव प्रयास कर रही है और भविष्य में भी उनकी जरूरतों को प्राथमिकता दी जाएगी। 
इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना राज्य के सामाजिक सरोकारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के अनाथ, निराश्रित, परित्यक्त बच्चों को विशेष संरक्षण प्रदान करना है। चिल्ड्रन ऑफ स्टेट का दर्जा देकर सरकार ने उनके पालन-पोषण, शिक्षा, आवास, स्वास्थ्य, और रोजगार सहित संपूर्ण जीवन की जिम्मेदारी स्वयं उठाने का संकल्प लिया है।। यह योजना न केवल एक संवेदनशील सामाजिक पहल है, बल्कि कल्याणकारी शासन की दिशा में एक नई मिसाल भी स्थापित करती है। उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत सरकार इन बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर भी भेज रही है। यह भ्रमण बच्चों के लिए न केवल शिक्षाप्रद है बल्कि उनके व्यक्तित्व निर्माण में भी सहायक सिद्ध हो रहा है। इससे बच्चों के आत्मबल में जरूर विकास हो रहा है। उन्होंने  बताया कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसमें निराश्रित बच्चों की देखभाल के लिए कानून के तहत सुख-आश्रय योजना शुरू की है। 
डॉ. शांडिल ने बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास को ध्यान में रखते हुए अपने ऐच्छिक कोष से 51,000 रुपये की राशि बाल गृह को प्रदान करने की घोषणा की। यह राशि बच्चों के मनोरंजन व रचनात्मक गतिविधियों के लिए उपयोग की जाएगी, जिससे उनकी प्रतिभा को निखारने का अवसर मिलेगा। इस अवसर पर उन्होंने बाल गृह में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं का भी जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक सुधार कार्यों के निर्देश दिए। मंत्री ने दीनबंधु सेवा मण्डल द्वारा समाज सेवा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की और संस्था को भविष्य में भी सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। कार्यक्रम में निदेशक स्वास्थ्य (अतिरिक्त कार्यभार) डॉ. गोपाल बेरी, एसडीएम सरकाघाट स्वाति डोगरा, डीएसपी संजीव गौतम, *मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दीपाली शर्मा*, जिला कल्याण अधिकारी समीर एवं संस्था के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।

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