बेहद हानिकारक है पार्थेनियम घास , समय पर उन्मूलन जरूरी : डॉ. पंकज मित्तल

कृषि विज्ञान केंद्र, सिरमौर के प्रभारी  डॉ. पंकज मित्तल ने बताया कि 16 से 22 अगस्त तक केंद्र द्वारा पार्थेनियम ( गाजर घास ) उन्मूलन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गाजर घास जैसी हानिकारक खरपतवार के दुष्प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करना और इसके नियंत्रण के लिए समुचित उपायों को अपनाना है

Aug 23, 2025 - 19:04
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बेहद हानिकारक है पार्थेनियम घास , समय पर उन्मूलन जरूरी : डॉ. पंकज मित्तल

यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन
  23-08-2025

कृषि विज्ञान केंद्र, सिरमौर के प्रभारी  डॉ. पंकज मित्तल ने बताया कि 16 से 22 अगस्त तक केंद्र द्वारा पार्थेनियम ( गाजर घास ) उन्मूलन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गाजर घास जैसी हानिकारक खरपतवार के दुष्प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करना और इसके नियंत्रण के लिए समुचित उपायों को अपनाना है। 
इस अवसर पर केंद्र कि डॉ. शिवाली धीमान , डॉ. हर्षिता सूद समेत किसानों , कार्यालय के कर्मचारियों और समस्त फील्ड स्टाफ ने भाग लिया। डॉ. मित्तल ने बताया कि गाजर घास अत्यधिक खतरनाक खरपतवार है, जिसे आमतौर पर गाजर घास के नाम से जाना जाता है। यह मूलतः अमेरिका महाद्वीप से आया हुआ पौधा है , जो अब पूरे भारत में बहुत तेजी से फैल चुका है। गाजर घास न केवल फसलों के लिए हानिकारक है , बल्कि यह मनुष्यों और पशुओं के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती है। 
इसलिए भारत सरकार के केंद्रीय कृषि मंत्रालय के निर्देशानुसार पूरे देश में प्रतिवर्ष यह साप्ताहिक अभियान चलाया जाता है ताकि लोगों को इसके विषय में जागरूक किया जा सके और मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को इसके दुष्प्रभावों से बचाने के लिए क्या क्या उपाय किए जा सकते है यह जानकारी दी जा सके क्योंकि इसके परागकण से श्वसन और त्वचा संबंधी बीमारियां होती हैं तथा यह फसलों की उत्पादकता को भी नुकसान पहुंचाता है।

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