HPTDC के 14 होटलों को निजी हाथों में सौंपने के फैसले पर आर.एस. बाली की आपत्ति, सुक्खू सरकार से पुनर्विचार की मांग
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) के चेयरमैन आर.एस. बाली ने निगम के 14 होटलों को निजी हाथों में संचालन और प्रबंधन (O&M) के लिए सौंपने के सरकार के निर्णय पर कड़ा एतराज़ जताया

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 11-07-2025
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) के चेयरमैन आर.एस. बाली ने निगम के 14 होटलों को निजी हाथों में संचालन और प्रबंधन (O&M) के लिए सौंपने के सरकार के निर्णय पर कड़ा एतराज़ जताया है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए और HPTDC को समय और वित्तीय सहायता देनी चाहिए ताकि निगम अपने बलबूते इन होटलों को रेनोवेट कर बेहतर राजस्व कमा सके।
आर.एस. बाली ने कहा कि HPTDC की ओर से इन 14 होटलों को निजी हाथों में देने का कोई प्रस्ताव सरकार को नहीं भेजा गया था। उन्होंने दावा किया कि कैबिनेट को इन होटलों की पूरी जानकारी नहीं दी गई थी और यह फैसला केवल कैबिनेट के विवेक के आधार पर लिया गया है।
ऐसे में जरूरी है कि सरकार इन होटलों की व्यावसायिक संभावनाओं (फाइनेंशियल वायबिलिटी) की समीक्षा कराए और फिर कोई निर्णय ले। उन्होंने कहा कि निगम के पास A, B और C श्रेणी में कुल 56 होटल हैं। इनमें से अधिकतर होटलों को केवल रेनोवेशन की ज़रूरत है।
अगर एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) से मिलने वाली राशि HPTDC को मिल जाए तो इन होटलों को बेहतर स्थिति में लाकर सालाना राजस्व 200 करोड़ रुपये तक पहुंचाया जा सकता है। बाली ने कहा कि जबसे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उन्हें जिम्मेदारी सौंपी है, तब से पहली बार HPTDC ने 100 करोड़ रुपये का राजस्व पार किया है।
उनके कार्यकाल में निगम का सालाना राजस्व 78 करोड़ से बढ़कर 109 करोड़ रुपये तक पहुंचा है और न ही कर्मचारियों के वेतन या पेंशन में कोई बाधा आई है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले ढाई वर्षों में निगम ने बिना किसी सरकारी ग्रांट के अपने संसाधनों पर काम किया है और विरासत में मिली 40 करोड़ की देनदारी भी चुका दी है।
सोशल मीडिया और आम जनता के बीच सरकार के इस निर्णय को लेकर बहस तेज हो गई है। आर.एस. बाली ने कहा कि सरकार अगर समीक्षा कराए तो स्पष्ट हो जाएगा कि इन होटलों में संभावनाएं हैं और जरूरत केवल निवेश की है। उन्होंने आग्रह किया कि HPTDC को समय और संसाधन दिए जाएं ताकि निगम खुद इन होटलों को संचालित कर सके।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि HPTDC आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन के तहत सरकार के फैसले को मानने के लिए बाध्य है, लेकिन सरकार से आग्रह है कि फैसले को लागू करने से पहले एक बार फिर गंभीरता से समीक्षा की जाए। बाली ने कहा कि सरकार HPTDC के साथ सौतेला व्यवहार नहीं कर रही, लेकिन जरूरत है कि सरकार और ज्यादा प्रेम दिखाए और समर्थन दे।
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