ऊना में आलू की बंपर फसल होने से किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर
आलू की बंपर फसल और अच्छे दामों से ऊना जिले के किसानों के चेहरे परखुशी की लहर है। इस वर्ष जिले में लगभग 28 हज़ार मीट्रिक टन आलू उत्पादन काअनुमान है। किसानों को इसकी 2200 से 2800 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत मिल रही है। खरीफ की इस आलू फसल में क्षेत्र में पुखराज आलू किस्म का बीज उगाया ग
यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना 30-11-2024
आलू की बंपर फसल और अच्छे दामों से ऊना जिले के किसानों के चेहरे परखुशी की लहर है। इस वर्ष जिले में लगभग 28 हज़ार मीट्रिक टन आलू उत्पादन काअनुमान है। किसानों को इसकी 2200 से 2800 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत मिल रही है। खरीफ की इस आलू फसल में क्षेत्र में पुखराज आलू किस्म का बीज उगाया गया है, जो अधिकतम पैदावार देता है। इसके अलावा ऊना में रबी सीजऩ में भी आलू की फसल लगभग 1200 हेक्टेयर पर बोई जाती है जिसकी औसत पैदावार लगभग 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहती है।
कृषि विभाग के उपनिदेशक, कुलभूषण धीमान के अनुसार, इस वर्ष 1800 हेक्टेयर क्षेत्र में आलू की बुवाई की गई है, और अब फसल निकालने का कामजोरों-शोरों से जारी है। ऊना जिले का आलू न केवल हिमाचल की मंडियों में, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों में भी भेजा जाता है, और इसकी गुणवत्ता केकारण मांग लगातार बढ़ रही है।
उल्लेखनीय है कि ऊना जिला आलू फसल की बड़े पैमाने परबुवाई और अच्छे स्तर पर पैदावार करने के लिए पूरे प्रदेश में अलग पहचान रखता है। ऊना का आलू काफी मशहूर है जोकि हिमाचल की मंडियों के साथ-साथ देश कीविभिन्न मंडियों में बिक्री के लिए भेजा जाता है।
ऊना के लोअर बढे़ड़ा के किसान संजीव कुमार ने 120 कनाल में आलू की फसल उगाई है। उनका कहना है कि इस वर्षउन्हें आलू के अच्छे दाम मिले हैं, और व्यापारियों द्वारा उनकी फसल सीधे खेत से खरीदी जा रही है, जिससे उन्हें अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ रही। इसके अलावा,कृषि विभाग के अधिकारी भी समय-समय पर खेतों में आकर फसल की देखभाल और कीट-रोगों से बचने के उपायों के बारे में जानकारी देते रहतेहैं।
वहीं,जालंधर के व्यापारी विजय कुमार बताते हैं कि ऊना का आलू दिल्ली, जयपुर, मथुरा,यूपी, और अन्य राज्यों में बेचा जाता है। इस जिले के आलू का उत्पादन हर वर्षबढ़ रहा है, और बाहरी राज्यों में इसकी मांग भी लगातार बनी रहती है।
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