चुनावी बांड देश का ही नहीं, बल्कि विश्व का सबसे बड़ा घोटाला : प्रशांत भूषण

सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया है कि चुनावी बांड देश का ही नहीं, बल्कि विश्व का सबसे बड़ा घोटाला है। उन्होंने चुनावी बांड के मामले एसआईटी के गठन की मांग उठाई, जिसमें इडी, आईटी व सीबीआई से सेवानिवृत्त सही रिकार्ड वाले लोग शामिल

May 23, 2024 - 13:00
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चुनावी बांड देश का ही नहीं, बल्कि विश्व का सबसे बड़ा घोटाला : प्रशांत भूषण

यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी    23-05-2024

सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया है कि चुनावी बांड देश का ही नहीं, बल्कि विश्व का सबसे बड़ा घोटाला है। उन्होंने चुनावी बांड के मामले एसआईटी के गठन की मांग उठाई, जिसमें इडी, आईटी व सीबीआई से सेवानिवृत्त सही रिकार्ड वाले लोग शामिल हों तथा सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की देखरेख में जांच हो। 

साथ ही चंदा लेकर धंधा देने की घूसखोरी में लिया गया पैसा रिकवर किया जाए। बुधवार को मंडी के विश्वकर्मा मंदिर परिसर में स्वराज अभियान, संयुक्त किसान मोर्चा एवं लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि चुनावी बांड ‘चंदा दो, धंधा लो’ साबित हुआ है। 

सुप्रीम कोर्ट ने छह साल के बाद दिए निर्णय में चुनावी बांड को गैरकानूनी करार देते हुए इसके लिए कानून में किए सभी संशोधन भी रद्द कर दिए। साढ़े 16 हजार करोड़ रुपए 2018 से लेकर फरवरी, 2024 तक इस चुनावी बांड के तहत भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से राजनीतिक दलों ने विभिन्न कंपनियों व लोगों से चंदा लिया है।

इसमें आधा लगभग सवा आठ हजार करोड़ भाजपा को मिला। प्रशांत भूषण ने कहा कि 2018 में जब यह चुनावी बांड शुरू किया गया था, तो इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। उस समय के वित्त मंत्री अरुण जेतली ने इसाके लेकर तर्क दिया था कि कई बार कई कंपनियां विपक्षी दलों को खुले तौर पर चंदा नहीं दे पाती हैं, क्योंकि उन्हें सतारूढ़ दल की प्रताडऩा का डर रहता है। 

ऐसे में यह बांड लाया गया है, जिसमें किसी को पता नहीं चल पाएगा कि चंदा किसने दिया है। कोई भी दल स्टेट बैंक से चुनावी बांड लेकर उसे अपने खाते में जमा करवा सकता है। इसी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे नकद चंदा देने के लिए रोक लगाने का तर्क दिया, मगर वह भी पूरी तरह से गलत है।

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