पत्नी की इच्छा पूरी करने वृंदावन पहुंचे डिप्टी सीएम, प्रेमानंद जी महाराज के किए दर्शन
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री अपनी धर्मपत्नी की इच्छा पूरी करने के लिए वृंदावन पहुंचे। मथुरा में श्री राधा रानी मंदिर बरसाना, भगवान श्री कृष्ण जन्मभूमि, गोवर्धन के दानघाटी और गोवर्धन गिरिराज मुखारविंद मंदिर के दर्शन किए
यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना 09-12-2024
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री अपनी धर्मपत्नी की इच्छा पूरी करने के लिए वृंदावन पहुंचे। मथुरा में श्री राधा रानी मंदिर बरसाना, भगवान श्री कृष्ण जन्मभूमि, गोवर्धन के दानघाटी और गोवर्धन गिरिराज मुखारविंद मंदिर के दर्शन किए।
वहीं वृंदावन में उन्होंने प्रेमानंद जी महाराज का दर्शन भी किए। प्रोफेसर सिम्मी अग्निहोत्री का ईश्वर और परमार्थ में अटूट विश्वास था। वह निरंतर मंदिरों में जाती थी। अपनी पुण्य कमाई पूजा पाठ यज्ञ और गरीबों पर लगाती थीं।
संतों से मिलने की भी उनकी जिज्ञासा रहती थी। इस साल के शुरू से ही वह अपनी टीम के साथ मथुरा-वृंदावन का कार्यक्रम तह कर रही थीं और महाराज प्रेमानंद जी से मिलना चाहती थीं, जो संभव ना हुआ।उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री अपनी धर्मपत्नी की इच्छा पूरी करने के लिए वृंदावन पहुंचे।
मथुरा में श्री राधा रानी मंदिर बरसाना, भगवान श्री कृष्ण जन्मभूमि, गोवर्धन के दानघाटी और गोवर्धन गिरिराज मुखारविंद मंदिर के दर्शन किए। वहीं वृंदावन में उन्होंने प्रेमानंद जी महाराज का दर्शन भी किए। प्रोफेसर सिम्मी अग्निहोत्री का ईश्वर और परमार्थ में अटूट विश्वास था।
वह निरंतर मंदिरों में जाती थी। अपनी पुण्य कमाई पूजा पाठ यज्ञ और गरीबों पर लगाती थीं। संतों से मिलने की भी उनकी जिज्ञासा रहती थी। इस साल के शुरू से ही वह अपनी टीम के साथ मथुरा-वृंदावन का कार्यक्रम तह कर रही थीं और महाराज प्रेमानंद जी से मिलना चाहती थीं, जो संभव ना हुआ।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में लोक प्रशासन विभाग में कार्यरत प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री सरल और सौम्य स्वभाव की धनी थीं। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने प्रेम विवाह किया था। सिम्मी अग्निहोत्री हमेशा पति के संघर्षों में कंधे से कंधा मिलाकर चलीं। 2003 में मुकेश अग्निहोत्री ने पत्रकारिता छोड़ पहली बार चुनाव लड़ने का फैसला लिया।
पति के फैसले का समर्थन पत्नी ने किया। मुकेश अग्निहोत्री अब तक चुनाव जीतते आ रहे हैं। सिम्मी अग्निहोत्री ने पति के राजनीतिक कार्यक्रमों में भी भरपूर साथ निभाया। पत्नी की असमय मौत से पैदा हुआ शून्य आज भी मुकेश अग्निहोत्री भर नहीं सके हैं।
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