यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना 31-12-2024
पहले हमारे खेतों को पानी की सुविधा नहीं थी, सच पूछें तो तब खेती के नाम पर बस झाड़-झंकाड़ ही था, लेकिन अब खेतों में पानी भी पहुंचा है और नकदी फसलों से किसानों की जेब में पैसा भी। मुकेश जी के प्रयासों ने हरोली की तस्वीर और हमारी तकदीर बदल के रख दी है।’ हरोली विधानसभा के पुरवा गांव के एक किसान सुमन लाल के इन उद्गारों में इस संपूर्ण क्षेत्र के किसानों के कृतज्ञ भाव सम्मिलित हैं। इन्हीं भावों के स्वर देते हुए अन्य किसान बीटन के सोडी राम और प्रेमचंद बताते हैं कि सिंचाई की अच्छी सुविधा के चलते नकदी फसलों की खेती से उन जैसे अनेकों किसानों के आत्मनिर्भर बनने की राह प्रशस्त हुई है। लोग परंपरागत खेती के अलावा नकदी फसलों-सब्जियों का बड़े पैमाने पर उत्पादन करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
किसानों के ये सभी भाव, सफलता की ये तमाम कहानियां, बेहतर सिंचाई सुविधा के इर्दगिर्द घूमती हैं। हरोली के विधायक एवं उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के वर्षों के निरंतर प्रयासों के उपक्रम से निखरते हरोली में बीते एक साल की अवधि में सिंचाई की योजनाओं को और बल तथा गति देकर आगे बढ़ाया गया है। दरअसल, सिंचाई सुविधा में बूंद-बूंद से बड़े बदलाव की नायाब कहानी कहता हरोली क्षेत्र नकदी फसलों का गढ़ बना गया है। कभी यहां किसानों के लिए सब्जी उत्पादन केवल एक सपना भर था, अब ये तेजी से फल-फूल रहा है। बाजार में अच्छी मांग और चोखे दाम से किसानों के वारे-न्यारे हैं। विशेषकर बीत क्षेत्र में कभी पानी का गंभीर संकट था।
अब वहां पीने के पानी की निरंतर सप्लाई के साथ ही खेतों के लिए भी सिंचाई की पर्याप्त सुविधा है। क्षेत्र में अब नकदी फसलों-सब्जियों का बड़े पैमाने पर उत्पादन हो रहा है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, जो जल शक्ति विभाग का दायित्व भी संभाल रहे हैं, की दूरदर्शिता और निर्णायक प्रयासों से हरोली विस क्षेत्र में सिंचाई की अनेकों योजनाओं ने हजारों लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। उनके प्रयासों ने हरोली के कृषि परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया है। कभी पानी की कमी की मार झेलता, सीमित कृषि क्षमता वाला हरोली क्षेत्र, अब सिंचाई सुविधाओं के विकास के चलते नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
बेहतर सिंचाई सुविधाओं ने किसानों को फसल विविधता अपनाने और अपनी आय बढ़ाने का अवसर दिया है। कृषि विभाग ऊना के उपनिदेशक डॉ. कुलभूषण धीमान बताते हैं हरोली क्षेत्र में बेहतर सिंचाई सुविधा से लोगों के लिए खेतीबाड़ी मुनाफे का सौदा बनी है। यहां लोग परंपरागत खेती के अलावा, खीरा, कद्दू-घिया, गोभी, मटर, आलू, करेला, मीटर फली और गन्ना जैसी नकदी खेती कर रहे हैं। साल दर साल नकदी फसलों और सब्जियों के बड़े पैमाने पर उत्पादन से किसानों के लिए आत्मनिर्भरता और आर्थिक समृद्धि का नया द्वार खुला है।