प्रदेश का पहला बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम काजा में तैयार,जल्द शुरू होगा विद्युत संचालन  

हिमाचल प्रदेश के दुर्गम क्षेत्र काजा में ऊर्जा क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज होने जा रही है। प्रदेश का पहला बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस) काजा में तैयार हो गया

Nov 7, 2025 - 13:11
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प्रदेश का पहला बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम काजा में तैयार,जल्द शुरू होगा विद्युत संचालन  

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    07-11-2025

हिमाचल प्रदेश के दुर्गम क्षेत्र काजा में ऊर्जा क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज होने जा रही है। प्रदेश का पहला बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस) काजा में तैयार हो गया है। अब जल्द ही इसका विद्युत संचालन शुरू किया जाएगा। इस परियोजना से स्पीति घाटी के लोगों को वर्षों से चले आ रहे बिजली संकट से राहत मिलने की उम्मीद है। 

काजा में पहले से स्थापित दो मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र के साथ अब एक मेगावाट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम को जोड़ा जा रहा है। 16.38 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह परियोजना 22 केवी पूह-काजा एचटी लाइन से जुड़ी है।

अब बैटरी सिस्टम में लगाने वाली आधुनिक मशीनें चीन से मंगाई गई हैं। इन्हें स्पीति क्षेत्र की कठोर जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल डिजाइन किया गया है। यह प्रणाली खासतौर पर सर्दियों में बर्फबारी के दौरान बिजली आपूर्ति बाधित होने पर उपयोगी साबित होगी। इस प्रणाली के माध्यम से दिन के समय उत्पन्न सौर ऊर्जा को संग्रहीत कर रात्रिकालीन परिस्थितियों में निर्वाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। 

स्थानीय प्रशासन को भी आपातकालीन में ऊर्जा आपूर्ति बनाए रखने में सहायता मिलेगी। स्थानीय लोग लंबे समय से बिजली कटौती की समस्या झेल रहे थे। अब इस प्रणाली के शुरू होने से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक परियोजना सफल रहने पर अन्य दुर्गम इलाकों में भी मॉडल के रूप में लागू किया जा सकता है।

इस परियोजना को भारतीय सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड और हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड संयुक्त रूप से कार्यान्वित कर रहे हैं। मई 2023 में शुरू हुआ दो मेगावाट सौर संयंत्र पहले की राज्य के विद्युत ग्रिड से जोड़ा जा चुका है। अब एक मेगावाट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम की स्थापना अंतिम चरण में है। 

विभाग के मुताबिक यदि मौसम अनुकूल रहा, तो बैटरियों की स्थापना का कार्य नवंबर माह के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद दिन या रात के समय ग्रिड फेल होने की स्थिति में बीईएसएस के माध्यम से स्पीति घाटी और आसपास के क्षेत्रों में निरंतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।

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