मौसम की मार : प्रदेश में पर्यटन कारोबार ठप्प, शिमला सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर होटल खाली

मौसम की मार से प्रदेश में पर्यटन कारोबार की कमर टूट गई है। शिमला, मनाली, चायल, डलहौजी सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर होटल खाली हैं। वीकेंड पर भी सैलानी प्रदेश के पर्यटन स्थलों का रुख नहीं कर रहे

Aug 7, 2023 - 15:41
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मौसम की मार : प्रदेश में पर्यटन कारोबार ठप्प, शिमला सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर होटल खाली

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     07-08-2023

मौसम की मार से प्रदेश में पर्यटन कारोबार की कमर टूट गई है। शिमला, मनाली, चायल, डलहौजी सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर होटल खाली हैं। वीकेंड पर भी सैलानी प्रदेश के पर्यटन स्थलों का रुख नहीं कर रहे हैं। 

कालका-शिमला नेशनल हाईवे बंद होने के कारण 15 अगस्त के सीजन पर भी पानी फिरने का खतरा है। पर्यटन स्थल खाली होने से पर्यटन कारोबारी मायूस हैं। कालका-शिमला नेशनल हाईवे पिछले पांच दिन से बंद है।

कालका और शिमला के बीच रेल जुलाई के पहले हफ्ते से बंद है। सैलानियों के लिए शिमला पहुंचना मुश्किल हो गया है। चंड़ीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर भी भूस्खलन के कारण आवाजाही प्रभावित हो रही है। बीते करीब एक माह से कमरों की बुकिंग न होने से होटल व्यवसायी निराश हैं। 

होटलों के अलावा ट्रैवल एजेंट, टैक्सी ऑपरेटर, टूरिस्ट गाइड, फोटोग्राफरों, घोड़ा संचालकों सहित पर्यटन कारोबार से जुड़े अन्य लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। हिमाचल होटल एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि मौसम की मार से हिमाचल में पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान पहुंचा है। 

ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन पॉल और महासचिव मनू सूद का कहना है कि प्राकृतिक आपदाओं के बाद नेशनल हाईवे बंद होने से सैलानियों ने पर्यटन स्थलों का रुख करना बंद कर दिया है। 15 अगस्त के सीजन पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

शिमला होटल एंड टूरिज्म स्टेक होल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहिंद्र सेठ ने प्रदेश और केंद्र सरकार से कालका-शिमला एनएच और रेल लाइन को जल्द बहाल करने की मांग उठाई है। सेठ का कहना है कि सैलानियों की आमद बंद होने से पर्यटन कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

पर्यटन कारोबारियों को राहत देने के लिए पानी, बिजली के बिलों के भुगतान को बिना सरचार्ज के 6 महीने के लिए स्थगित करने, कूड़ा शुल्क माफ करने, बिजली के फिक्स डिमांड चार्जेस 6 महीने तक माफ करने, ऋणों को मई 2024 तक स्थगित करने और पर्यटन कारोबारियों को इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल के लिए सरल शर्तों पर ऋण देने की सुविधा की मांग की गई है।

प्राकृतिक आपदा से प्रदेश में पर्यटन कारोबार को भारी नुकसान पहुंचा है, हालांकि तेजी से स्थिति सामान्य हो रही है। आने वाले दिनों में भारी बारिश का कोई अलर्ट नहीं है। राष्ट्रीय राजमार्ग बहाल होने के बाद सैलानियों की आमद में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। - अमित कश्यप, निदेशक, पर्यटन विभाग

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