यंगवार्ता न्यूज़ - शिलाई 05-11-2024
शिलाई विधानसभा के कृषि कार्यालय में स्टाफ न होने से सूबे के किसानों को दर्जनों मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। सरकार के द्वारा कृषकों की खेतीबाड़ी बेहतर करने की बात तो दूर , समय पर खाद , बीज ओर दवाइयों की पूर्ति तक नही हो पाती है। किसानों के लिए यदि कोई सप्लाई आती भी है तो केवल सिफारिशी लोगों को ही मिल पाती है , जिससे क्षेत्र के गरीब किसानों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ता है। क्षेत्र के किसान कुन्दन सिंह , राजेश , मिजु , प्रकाश चंद और संदीप ने बताया कि मक्की की कटाई के बाद किसानों को गेहूं के बीज की सप्लाई अभी तक नही मिल पाई है।
मंगलवार को कृषि विभाग के पास लगभग ढाई सो बैग बीज के पहुंचे , जिस के लिए दूरदराज क्षेत्र से सैंकडो किसान बीज लेने विभाग के कार्यालय पहुंचे , लैकिन अधिकांश किसानों को खाली हाथ वापिस लोटना पड़ा। उन्होंने बीज वितरण कर्मचारियों पर आरोप लगाए कि बीज का पूरा स्टॉक चंद सिफारशी लोगों को दिया गया , जबकि लंबी कतारों में सुबह से खड़े बूढ़े किसानों को मायूस हो कर घर लोटना पड़ा। उन्होंने बताया कि बिना सिफारिश के कर्मचारी किसानों को एक अधार्कार्ड पर पचास किलो की एक बोरी दे रहें थे , लैकिन सिफारशी लोग बार बार अलग अलग आधार कार्ड से चार से पांच बोरी बीज ले जा रहे है। कतारों में खड़े जमाबंदी और आधार कार्ड हाथ में लिए किसान देखते रह गए।
विभाग ने 28 नवम्बर तक बीज की अगली सप्लाई आने की बात कही। हैरत की बात तो यह है कि सिफारिशी व्यक्ति बिना लाइन में लगे अलग अलग व्यक्तियों के आधार कार्ड लेकर सीधा काउंटर पर पहुँचता और ऑफिस के कर्मी फर्जी तरीके से किसी अन्य व्यक्ति के आधार कार्ड से बीज प्राप्त करने वाले सिफारिशी व्यक्ति को धड़ल्ले से बीज बांट रहे थे , जिससे आधे से ज्यादा किसानों को बीज ही नही मिल पाया। उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया कि किसानों के बीज प्राप्ति का विवरण कार्यालय रजिस्टर में दर्ज करने की बजाय सिंगल पेज में एंट्री की जा रही है , जबकि किसानों के हस्ताक्षर उसके नीचे छुपे कार्यालय रजिस्टर के खाली पेज पर करवाए जा रहें है।
जिससे अंदेशा लगाया जा सकता है कि विभागीय कर्मी प्रति बोरी 50 रु से 100रु तक किसानों से अधिक वसूल रही है , जिसका हिस्सा शायद ऊपर तक दिया जाता होगा। विभागीय कार्यप्रणाली से नाराज किसानों ने बताया कि चाटुकार लोगों के कहने पर हो रहें बीज वितरण को किसान कतई बर्दाश नही करेगा , सरकार इस विषय पर गहनता से विचार कर किसानों की वृद्धि के सुचारूआयाम स्थापित करें। महज एक चतुर्थ श्रेणी के सहारे चल रहें विभाग में हो रही धांधली से बर्बादी की तरफ जाता किसान शिलाई की सड़कों पर उतरने को मजबूर है।