एचपीएमसी पहली बार सेब के पल्प से बनाएगा पेक्टिन,पराला में फ्रूट प्रोसेसिंग प्लांट में होगा ट्रायल
एचपीएमसी पहली बार सेब के पल्प (गूदा) से पेक्टिन बनाएगा। इसके लिए दो दिन में पराला में फ्रूट प्रोसेसिंग प्लांट में ट्रायल होगा। फार्मा उद्योग में दवाइयों के निर्माण में पेक्टिन की भारी डिमांड
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 16-11-2024
एचपीएमसी पहली बार सेब के पल्प (गूदा) से पेक्टिन बनाएगा। इसके लिए दो दिन में पराला में फ्रूट प्रोसेसिंग प्लांट में ट्रायल होगा। फार्मा उद्योग में दवाइयों के निर्माण में पेक्टिन की भारी डिमांड है। इससे जहां फार्मा उद्योग की मांग पूरी होगी। वहीं, एचपीएमसी का वेस्ट मैटीरियल भी कम होगा।
जूस, जैम को गाढ़ा करने में भी पेक्टिन का प्रयोग होता है। पहले चरण में एचपीएमसी ने इसके लिए 200 टन सेब रख लिया है। पराला में पेक्टिन बनाने के लिए मशीनरी लगाई गई है। ट्रायल के लिए पुणे से तकनीशियनों की टीम आएगी। टीम मशीन चलाकर पेक्टिन बनाकर दिखाएगी।
इसके बाद बनाए गए पेक्टिन को बल्क और रिटेल में बेचा जाएगा। दवाइयों में केमिकल बहुत कम मात्रा में उपयोग किया जाता है। इमें फिलर की तरह पेक्टिन को इस्तेमाल किया जाता है। इसकी उद्योगों में भारी मांग रहती है। एचपीएमसी की ओर से पेक्टिन बनाने का मुख्य उद्देश्य प्लांट से निकलने वाले वेस्ट को कम करना है।
इससे पहले सेब से जूस और वाइन बनाने के बाद इससे बचे हुए पल्प को फेंक दिया जाता था। अब इसका प्रयोग पेक्टिन बनाया जाएगा। पेक्टिन सेब के अवशेष और साइट्रस के छिलके से बनाया जाता है जो फलों के रस के उत्पादन के बाद बचा रहता है।
एचपीएमसी पहली बार पराला प्लांट में पेक्टिन का पहला ट्रायल करने जा रहा है। इसके लिए लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। पेक्टिन बनाने के बाद उसे फार्मा इंडस्ट्री में बेचा जाएगा। इससे प्लांट से निकलने वाले वेस्ट की मात्रा भी कम हो जाएगी।
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