हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए लगातार प्रयास कर रही सरकार
हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। बजट में सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए प्राकृतिक खेती से उत्पादित मक्की व गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाने का ऐलान किया

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 07-05-2025
हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। बजट में सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए प्राकृतिक खेती से उत्पादित मक्की व गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाने का ऐलान किया था, जिस पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है। 15 मई से प्रदेश के किसानों से कृषि विभाग का प्राकृतिक खेती विंग गेहूं, मक्की व हल्दी की खरीद शुरू करेगा।
इस खरीद के लिए नया मूल्य तय करने को प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में गया था। हजारों किसानों को यहां प्राकृतिक खेती का लाभ मिलेगा, जिनको मार्केट की जरूरत नहीं होगी। सरकार खुद उनसे इसकी खरीद करेगी, जिससे बड़ी राहत लोगों को मिलने वाली है। पिछले साल भी सरकार ने उनसे मक्की व गेहूं की खरीद की थी, लेकिन इस बार समर्थन मूल्य बढ़ा दिया गया है।
15 मई से शुरू होने वाली इस खरीद के लिए प्राकृतिक खेती विंग ने भी पूरी तैयारी कर ली है। उन्ह ेंकैबिनेट के निर्णय का ही इंतजार था। जानकारी के अनुसार मक्की का समर्थन मूल्य सरकार ने बढ़ाकर 30 जातीय से 40 कर दिया है, जबकि गेहूं का खरीद मूल्य 40 से बढ़ाकर 60 जातीय प्रतिकिलो कर दिया गया है।
सरकार ने इस साल से हल्दी लेने का भी निर्णय लिया है और हल्दी का 90 जातीय प्रति किलो दाम दिया जाएगा। यहां बता दें कि किसानों को पिछले साल प्राकृतिक खेती विंग ने उनसे खरीदे गए उत्पाद पर 119 करोड़ जातीय का भुगतान किया गया है।
कुल 400 मीट्रिक टन की खरीद की गई थी, जिससे बड़ी संख्या में किसानों को फायदा मिला था। बताया जा रहा है कि इस बार कृषि विभाग का प्राकृतिक खेती विंग 212 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद किसानों से करेगा वहीं 20 मीट्रिक टन हल्दी खरीदी जाएगी। पहली बार किसानों से हल्दी खरीदने का विचार है, जिस पर मुख्यमंत्री ने बजट में घोषणा की थी।
इस घोषणा को अब साकार किया जाएगा। प्रदेश में हल्दी का उत्पादन बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने पांगी को प्राकृतिक खेती का सब डिवीजन भी घोषित किया है, जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों वहां जाकर की थी। अब कैबिनेट ने भी इसे मंजूरी दे दी है। फिलहाल प्राकृतिक खेती के तहत काम करने वाले किसानों को यहां काफी ज्यादा फायदा मिल रहा है।
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