दुर्गम क्षेत्रों में खाली पद भरने के लिए प्रदेश सरकार ने कठिन क्षेत्र में उप कैडर बनाने का लिया फैसला  

हिमाचल प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में खाली पद भरने के लिए राज्य सरकार ने कठिन क्षेत्र उप कैडर बनाने का फैसला लिया है। वीरवार को इस संदर्भ में कार्मिक विभाग ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों को कर्मचारियों के खाली चल रहे पद भरने के संबंध में निर्देश जारी

Sep 19, 2025 - 11:48
Sep 19, 2025 - 12:16
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दुर्गम क्षेत्रों में खाली पद भरने के लिए प्रदेश सरकार ने कठिन क्षेत्र में उप कैडर बनाने का लिया फैसला  

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     19-09-2025

हिमाचल प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में खाली पद भरने के लिए राज्य सरकार ने कठिन क्षेत्र उप कैडर बनाने का फैसला लिया है। वीरवार को इस संदर्भ में कार्मिक विभाग ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों को कर्मचारियों के खाली चल रहे पद भरने के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। 

साल 1999 की अधिसूचना का हवाला देकर कठिन क्षेत्र उप कैडर की सीधी भर्ती और पदोन्नति करने को कहा गया है। विभाग ने स्पष्ट किया कि कठिन क्षेत्र उप कैडर से संबंधित जारी आदेशों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

कार्मिक विभाग के अवर सचिव की ओर से जारी पत्र में बताया कि वर्ष 1999 में जनजातीय एवं दुर्गम इलाकों में विकास असमानता को दूर करने के उद्देश्य से कठिन क्षेत्र उप कैडर का गठन किया गया था। इस व्यवस्था के तहत विभिन्न विभागों के सभी पदों/सेवाओं में एक उप कैडर बनाया गया, ताकि इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा और सामाजिक सेवाओं के क्षेत्र में विशेष प्राथमिकता दी जा सके। 

साल 2013 और 2016 में भी राज्य सरकार ने उप कैडर को और स्पष्ट एवं पुनर्गठित किया था। विभाग ने अब पाया कि संबंधित विभाग इन निर्देशों का सही ढंग से पालन नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण बड़ी संख्या में पद आज भी खाली पड़े हैं। इससे इन क्षेत्रों में सरकार की कई योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन प्रभावित हुआ है।

राज्य सरकार ने सभी प्रशासनिक सचिवों, संभागीय आयुक्तों, विभागाध्यक्षों और उपायुक्तों को तुरंत प्रभाव से आदेशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने को कहा है। लाहौल-स्पीति, पांगी, भरमौर, किन्नौर सहित कई ऐसे क्षेत्र हैं, जिन्हें कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और अविकसित स्थिति के चलते कठिन क्षेत्र घोषित किया गया है। 

यहां कर्मचारियों की कमी लंबे समय से बनी हुई है। यहां कठिन क्षेत्र उप कैडर व्यवस्था को सही तरीके से लागू करने पर न केवल प्रशासनिक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, बल्कि इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत ढांचे का संतुलित विकास भी संभव हो सकेगा।

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