यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन 09-07-2025
ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर आज सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन में बड़ी संख्या में विभिन्न संगठन सड़कों पर उतरे। प्रदर्शन में शामिल सैकड़ो लोगों ने अंतरराज्य बस अड्डा नाहन से लेकर जिला उपायुक्त कार्यालय तक रोष रैली निकाली और अपनी मांगों को लेकर एक मांग पत्र केंद्र सरकार को भेजा। मीडिया से बात करते हुए सीटू के जिला महासचिव आशीष कुमार ने बताया कि मजदूर और कर्मचारियों से जुड़ी मांगों को लेकर राष्ट्रीय आह्वान पर यह प्रदर्शन किया जा रहा है उन्होंने कहा कि 44 श्रम कानूनों को खत्म कर चार श्रम संहिताओं को लागू किया जा रहा है जिसका देश भर में मजदूर विरोध कर रहा है उन्होंने कहा कि श्रम संहिताओं के लागू होने के बाद मजदूरों के कई अधिकार छिन जाएगी और कभी भी वह अपनी आवाज को बुलंद नहीं कर पाएगा और यही कारण है कि मजदूर इसका विरोध कर रहा है। उन्होंने कहा कि हड़ताल के जरिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं मिड डे मील वर्करों, की मांगों को भी उठाया जा रहा है और इनको उचित वेतन देने की मांग उठाई जा रही है। सीटू नेता ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार एक तरफ आर्थिक तंगी का रोना रो रही है वहीं दूसरी तरफ आपदा के समय में बोर्ड और निगम में तैनात लोगों के वेतन में भारी इजाफा किया गया है जिसके पीछे हवाला दिया जा रहा है।
बोर्डो में तैनात लोगो को सम्मानजनक वेतन नहीं मिलता जबकि दूसरी तरफ मिड डे मील वर्कर,आशा वर्कर,आंगनबाड़ी वर्कर को दिया जाने वाला ना मात्र का वेतन इन्हें नजर नहीं आ रहा ऐसे में माँग की जा रही है कि सभी कर्मचारियों को उचित वेतन दिया जाए। हड़ताल के दौरान सिरमौर के नाहन और शिलाई में सीटू के बैनर तले उमड़े सैंकड़ों मजदूरों और 108/102 कर्मियों ने भाग। नाहन में प्रदर्शन को सीटू महासचिव आशीष कुमार, आंगनवाड़ी यूनियन की राज्य महासचिव वीना शर्मा,मिड डे मील के राज्य अध्यक्ष संदीप निर्माण मजदूर यूनियन. के महासचिव राजेश तोमर, हिमाचल किसान सभा के जिला महासचिव राजेंदर ठाकुर, अध्यक्ष सतपाल मान, जनवादी महिला समिति की जिला अध्यक्ष संतोष कपूर , सचिव अमिता चौहान, प्रोजेक्ट पौंटा अध्यक्ष इंदु तोमर, सरान्ह प्रोजेक्ट अध्यक्ष श्यमा, संगड़ाह अध्यक्ष शीला, नीलम, नाहन प्रोजेक्ट की अध्यक्ष सुमन, देवकुमारी ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि लेबर कोड लागू होने से सत्तर प्रतिशत उद्योग व चौहतर प्रतिशत मजदूर श्रम कानूनों के दायरे से बाहर हो जाएंगे।
हड़ताल करने पर मजदूरों को कड़ी सजाओं व जुर्मानों का प्रावधान किया गया है। पक्के किस्म के रोजगार के बजाए ठेका प्रथा व फिक्स टर्म रोजगार को बढ़ावा दिया जाएगा। काम के घंटे आठ के बजाए बारह घंटे करने से बंधुआ मजदूरी स्थापित होगी। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी, मिड डे मील व आशा कर्मियों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने तथा ग्रेच्युटी लागू करने, मजदूरों का न्यूनतम वेतन 26 हज़ार रुपये घोषित करने, मजदूर विरोधी चार लेबर कोडों, नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन, बीमा क्षेत्र में सौ फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, मजदूरों के काम के घंटे आठ से बढ़ाकर बारह करने, फिक्स टर्म रोज़गार को रद्द करने, असंगठित मजदूरों के लिए सार्वभौमिक व्यापक सामाजिक सुरक्षा देने, ठेका मजदूरों की रोज़गार सुरक्षा सुनिश्चित करने, उन्हें नियमित कर्मियों के बराबर वेतन देने, केंद्रीय व प्रदेश सरकार के बोर्ड व निगम कर्मियों की ओपीएस बहाल करने, न्यूनतम पेंशन 9 हज़ार लागू करने, मनरेगा व निर्माण मजदूरों के श्रमिक कल्याण बोर्ड से आर्थिक लाभ व पंजीकरण सुविधा बहाल करने, एसटीपी मजदूरों के लिए शेडयूल एम्प्लॉयमेंट घोषित करें।
आउटसोर्स व अस्पताल कर्मियों के लिए नीति बनाने, औद्योगिक मजदूरों को 40 प्रतिशत अधिक वेतन देने, तयबजारी को उजाड़ने के खिलाफ, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने, स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों कल लागू करने, शहरी क्षेत्रों में विस्तार के साथ ही मनरेगा में 600 रुपये प्रति दिन की मजदूरी पर 200 दिन कार्य दिवस प्रदान करने, मनरेगा, निर्माण तथा बीआरओ मजदूरों का श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण व आर्थिक लाभ बहाल करने, आउटसोर्स, सैहब व 108 एवं 102 एंबुलेंस कर्मियों के लिए नीति बनाने, भारी महंगाई पर रोक लगाने, सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण को रोकने, किसानों की कर्ज़ा मुक्ति आदि मांगों को लेकर आंदोलन तेज होगा।