पंचायत चुनाव मामले में अदालत ने राज्य सरकार व राज्य चुनाव आयोग को नोटिस किया जारी
हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव समय पर करवाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सोमवार को ख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश जियालाल भारद्वाज की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 17-11-2025
हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव समय पर करवाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सोमवार को ख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश जियालाल भारद्वाज की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई।
मामले में अदालत ने राज्य सरकार व राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर पूछा है कि कितने समय के अंदर पंचायतीराज संस्थानों के चुनाव करवाए जा रहे हैं। मामले की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी। सरकार ने कोर्ट में कहा कि 21 दिसंबर से पहले चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
बता दें, याचिका में कोर्ट से हस्तक्षेप करके पूरे प्रदेश में तय समय पर पंचायती राज चुनाव करवाने के आदेश जारी करने का आग्रह किया गया है। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग ने संविधान के प्रावधानों के तहत तय समयसीमा में चुनाव करवाने को लेकर कोई तैयारी नहीं की है।
याचिका में संविधान के अनुच्छेद 243 ई और के का हवाला दिया है। इन प्रावधानों के तहत हर 5 साल के बाद पंचायत चुनाव करवाना अनिवार्य है। मौजूदा जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल जनवरी में समाप्त हो रहा है।
प्रदेश सरकार किसी भी स्थिति में चुनाव नहीं टाल सकती, जब तक कोई असाधारण परिस्थिति जैसे प्राकृतिक आपदा या कानून-व्यवस्था की अस्थिरता वाली कोई ऐसी समस्या न हो। हिमाचल में पिछले पंचायत चुनाव दिसंबर और जनवरी 2020-2021 में तीन चरणों में हुए थे।
जनहित याचिका में आपदा अधिनियम के तहत चुनाव टालने की बात को लेकर सरकार की मंशा को भी चुनौती दी गई है। मुख्य सचिव ने 8 अक्तूबर को आपदा अधिनियम का हवाला देते हुए हालात सामान्य होने के बाद चुनाव कराने की बात कही है।
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