हिमाचल को ‘क्योटो प्रोटोकॉल’ की तर्ज पर जारी किया जाना चाहिए मुआवजा : धर्माणी
जीएसटी काउंसिल (वस्तु एवं सेवा कर) की 55वीं बैठक राजस्थान के जैसलमेर में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित की गई। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल ने बैठक में भाग लिया।
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 22-12-2024
जीएसटी काउंसिल (वस्तु एवं सेवा कर) की 55वीं बैठक राजस्थान के जैसलमेर में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित की गई। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल ने बैठक में भाग लिया। राजेश धर्माणी ने कहा कि हिमाचल को ‘क्योटो प्रोटोकॉल’ की तर्ज पर मुआवजा जारी किया जाना चाहिए।
जिसके अंतर्गत कम कार्बन उत्सर्जन वाले देश को अधिक उत्सर्जन करने वाले देशों के मुकाबले मुआवजा दिया जाता है। उन्होंने प्रदेश के कम जनसंख्या घनत्व को ध्यान में रखने का आग्रह किया।
बैठक में जीएसटी मुआवजे के मामले को उठाते हुए राजेश धर्माणी ने हिमाचल जैसे राज्य को जीएसटी लागू होने के कारण हुए राजस्व घाटे की भरपाई के लिए समुचित व्यवस्था करने का आग्रह किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने सीजीएसटी प्राधिकरण से हिमाचल प्रदेश के टोल धारकों को जारी किए गए 200 करोड़ रुपये के डिमांड नोटिस का मुद्दा भी उठाया।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि कानून की स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय जीएसटी विभाग को नोटिसों को रद्द करना चाहिए और इस मामले में और अधिक स्पष्टता लाने का आग्रह किया।
राजेश धर्माणी ने स्वास्थ्य और टर्म इन्श्योरेंस पॉलिसी विशेषकर महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए जीएसटी में छूट की वकालत की। उन्होंने पब्लिक-टू प्राइवेट साझेदारी और वित्तपोषण से जुड़े अनुसंधान एवं विकास कार्यों पर आरम्भिक 10 से 15 वर्षों के लिए जीएसटी पर छूट देने का आग्रह किया।
इससे पहले शुक्रवार को जैसलमेर में आयोजित पूर्व बजट बैठक में धर्माणी में राज्य में आपदा प्रतिरोधक अधोसंरचना के निर्माण के लिए ‘अडेप्टेशन फंड’ (अनुकूलन निधि) स्थापित करने की मांग की।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने वन-संरक्षण अधिनियम के नए प्रावधानों के तहत प्रदेश में नए सेटेलाइट टाऊन स्थापित करने की भी पुरज़ोर वकालत की। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में सीवरेज ट्रीटमेंट सुविधा और प्राकृतिक खेती तथा दुग्ध प्रसंस्करण के लिए धन उपलब्ध करवाने और एग्रो पार्क स्थापित करने पर भी विशेष बल दिया।
उन्होंने सेब उत्पादकों के हितों को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री को सेब के आयात पर सीमा शुल्क को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने का आग्रह किया। केंद्रीय वित्त मंत्री ने प्रदेश की मांगों पर विचार करने और उचित समाधान सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया।
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