यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 07-12-2024
एबीवीपी हिमाचल प्रदेश की प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने आज एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 70वां राष्ट्रीय अधिवेशन 22 नवंबर से 24 नवंबर तक उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में आयोजित किया गया। इस वर्ष अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पूरे भारत में 5512470 सदस्य बनाकर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया, जिसके चलते एक बार फिर विद्यार्थी परिषद ने विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन होने का दावा किया। इस राष्ट्रीय अधिवेशन में दिव्यांग वर्ग के छात्रों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने के लिए संस्था चलाने वाले दीपेश नायर को प्रा. यशवंत राव केलकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय अधिवेशन में भारत के वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए चार प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें मणिपुर हिंसा के पूर्ण समाधान के लिए कदम उठाना भी शामिल है। एबीवीपी का कहना है कि हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा देने और उन्हें वित्तपोषित करने वाली विदेशी ताकतों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है। अभाविप का मानना है कि शिक्षण संस्थानों के संचालक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे का हवाला देकर फीस वृद्धि को उचित ठहराते रहे हैं। इसके लिए सरकारी नीतियां भी जिम्मेदार हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग जहां विश्वविद्यालयों को अपने वित्तीय संसाधन बनाने का निर्देश दे रहा है, वहीं राज्य सरकारें विश्वविद्यालयों को दिए जाने वाले अनुदान में लगातार कटौती कर रही हैं। वर्तमान में शिक्षा पर जीडीपी का 4.6 प्रतिशत से भी कम खर्च किया जा रहा है। एबीवीपी का स्पष्ट मानना है कि जीडीपी का 6 प्रतिशत खर्च करना शिक्षा क्षेत्र में फीस वृद्धि का कुछ हद तक समाधान हो सकता है।
ABVP अत्यधिक प्रसंस्कृत, रासायनिक और मिलावटी खाद्य उत्पादों के स्थान पर जैविक खेती और खाद्य उत्पादों का उपयोग करने का आग्रह करती है। ABVP अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की कुशल कूटनीति की सराहना करती है।हिमाचल की बात करें, तो वर्तमान सरकार अपने राजनीतिक लाभ के लिए शिक्षण संस्थानों पर राजनीति कर रही है। प्रदेश सरकार सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी का दायरा कम कर रही है और अब विश्वविद्यालय को दिए गए नियमित भवनों को निजी कॉलेजों को लेकर शिक्षा के सरकारी ढांचे को नष्ट करने का काम कर रही है। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के निर्माण के लिए प्रदेश सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। भवन निर्माण के लिए अभी तक कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई है, जिसके कारण इस विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार से युवाओं के लिए रोजगार की मांग कर रही है।
इसके साथ ही विद्यार्थी परिषद हिमाचल में नई शिक्षा नीति को लागू करने की लगातार मांग कर रही है। हिमाचल प्रदेश में बढ़ते नशे के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद लगातार आवाज उठा रही है। देखा जा सकता है कि हिमाचल में शिक्षण संस्थानों के छात्र किस तरह नशे के चंगुल में फंस रहे हैं। नशे की गिरफ्त में फंसे युवा अपराध कर रहे हैं, चाहे चोरी हो या मारपीट। हिमाचल में नशे के कारण कई युवा अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके लिए राज्य सरकार को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि अगर जल्द ही इन मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो विद्यार्थी परिषद सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन करेगी, जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा और जिसके लिए प्रदेश सरकार स्वयं जिम्मेदार होगी।