प्रदेश के किसानों और बागवानों को नहीं मिल पा रही यूरिया खाद, फसलों के खराब होने के डर से किसान चिंतित

यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन 09-07-2025
प्रदेशभर में यूरिया खाद की कमी से किसान-बागवान परेशान हैं। बरसात के बाद किसानों को यूरिया खाद की जरूरत है, अभी तक पंजाब के नंगल प्लांट से खाद नहीं मिल रही। सात हजार मीट्रिक टन यूरिया खाद की मांग प्रदेश भर से भेजी गई है। अभी तक 1,600 क्विंटल की स्वीकृति ही मिल पाई है।
वह भी हिमफेड के कार्यालयों में नहीं पहुंची। बीबीएन में किसानों को मक्की और धान के लिए यूरिया खाद नहीं मिल रही है। हिमफेड ने पहली जुलाई को डिमांड भेजी थी लेकिन अभी तक कहीं पर यूरिया खाद नहीं पहुंची है। इससे किसानों को मक्की और धान की फसल प्रभावित हो रही है।
हिमफेड के नालागढ़ स्थित कार्यालय से एक जुलाई को 7 हजार बैग की मांग भेजी थी लेकिन अभी तक एक भी बैग नहीं मिला। किसान यूरिया खाद को लेकर कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। खेड़ा से अवतार सिंह, ढांग निहली के किसान सदा राम, मझोली से सुच्चा सिंह, राजपुरा से सर्वजीत सिंह, दभोटा से सुरमुख सिंह, नंगल से टेक चंद, पंजेहरा से राजेंद्र कुमार ने बताया कि किसानों के दो सप्ताह पूर्व मक्की की बिजाई कर दी है।
किसानों ने मक्की में घास मारने और कीटनाशक दवाई का छिड़काव किया है। इस छिड़काव के तीन-चार दिन के भीतर खाद डालनी होती है। किसान नालागढ़ स्थित हिमफेड के कार्यालय में लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। अभी तक यहां पर खाद नहीं पहुंची है। किसानों ने बताया कि अगर समय पर खाद नहीं मिल सकी तो फसल का विकास रुक जाएगा। किसानों ने शीघ्र खाद मुहैया कराने की मांग की है।
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